पटना : बंगाल के नदिया जिले में तृणमूल विधायक सत्यजीत बिश्वास की शनिवार देर रात गोली मारकर हत्या के बाद बंगाल की राजनिति गरमा गयी है। आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। जहां तृणमूल के समर्थक इस हत्या का आरोप बीजेपी पर मढ़कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में जुटे हैं, वहीं भाजपा भी आरोपों का आक्रामक जवाब देने को कमर कस चुकी है।
बंगाल के भाजपा नेता शायंतन बासु का कहना है कि बिश्वास की हत्या तृणमूल की गुटबाजी का परिणाम है। तृणमूल के एक गुट ने विधायक की हत्या की है, क्योंकि वे नदिया जिले के मुतुआ महासंघ उपदेष्टा कमिटी के अध्यक्ष थे। जब से वे इस पद पर आसीन हुए थे, तभी से तृणमूल का एक गुट उनकी हत्या की साजिश रचने लगा था।
शायंतन बासु का समर्थन करते हुए भाजपा के जिला अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा पर मनगढ़़ंत आरोप लगाया जा रहा है। कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना को उद्यृत करते हुए घोष ने कहा कि अगर मामले की जांच सीबीआई से होगी तो सच्चाई सामने आ जाएगी और दोषी को सजा मिल जाएगा। लेकिन तृणमूल सरकार ऐसा कभी नहीं होने देगी।
उन्होंने आगे कहा कि सच्चाई हर कीमत पर सामने आनी चाहिए। घोष ने विधायक की हत्या को तृणमूल की अंदरूनी कलह का नतीजा बताते हुए कहा कि तृणमूल ऐसा करके पार्टी समर्थकों का दिल जीतना चाहती है और इसका राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश कर रही है।
पुलिस की प्राथमिक जांच में पता चला है कि हत्याकांड को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है। नदिया के सीमान्त इलाके में भजपा संगठन पूरी तरह से मजबूत हो रहा है। मतुआ समुदाय को लेकर भी पिछले दिनों भाजपा और तृणमूल में विवाद उत्पन्न हो गया था। फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रही है।
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