विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही स्थगित

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पटना : बिहार विधानसभा और विधान परिषद दोनों ही जगहों पर विपक्ष के हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दोनों सदनों में विपक्ष ने आज कानून-व्यवस्था को लेकर जमकर हंगामा किया। मुख्य विपक्षी पार्टी राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायकों के हंगामे के कारण दोनों ही सदनों की कार्यवाही भोजनावकाश से पूर्व नहीं चल सकी और नौ मिनट बाद ही स्थगित कर दी गई।

विधानसभा में नौ मिनट ही चली कार्यवाही

राजद, कांग्रेस और वामदलों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के आसन ग्रहण करते ही कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सदन में हंगामा शुरू कर दिया। सबसे पहले कांग्रेस और उसके पीछे भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के विधायक हाथों में पोस्टर लेकर सदन के बीच में आ गये। इसी दौरान राजद के ललित यादव ने विधि-व्यवस्था पर सदन में तुरंत चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव को मंजूर करने की मांग की। इसके बाद राजद के भी विधायक शोरगुल और सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन के बीच में आ गये।
इसपर सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विधायकों को शांत कराने की कोशिश करते हुए कहा कि गंभीर से गंभीर विषय को सदन में उठाने के नियम हैं। यदि सदस्य नियमों के तहत किसी विषय को सदन में उठाते हैं तो सरकार उसका जवाब देगी। सदस्य एक साथ अपनी बात कहेंगे तो कोई उसे सुन नहीं सकेगा और सरकार भी उसपर जवाब नहीं दे सकेगी । उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल काफी महत्वपूर्ण है, उसे अभी चलने दें। सभाध्यक्ष के आग्रह का हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। हंगामे के बीच जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कुछ कहने की कोशिश की तब सभाध्यक्ष ने एक बार फिर विपक्ष के सदस्यों से अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया और कहा कि नेता प्रतिपक्ष कुछ कहना चाहते हैं। इसलिए, आप अपनी सीट पर जायें ताकि वह अपनी बात कह सकें। इस पर नारे लगा रहे विपक्षी सदस्य शांत तो हो गये लेकिन सदन के बीच में ही डटे रहे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि वह जानते हैं कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण है लेकिन राज्य में खराब विधि-व्यवस्था पर भी सदन में चर्चा जरूरी है। राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। उप मुख्यमंत्री को अपराधियों के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाना पड़ रहा है, इससे ही स्थित का अंदाजा लगाय जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी में दंगा और आये दिन हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं।
इसी दौरान संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने सभाध्यक्ष से सदन को व्यवस्थित करने का आग्रह किया और कहा कि विपक्ष के सदस्यों को नियमों का पालन करना चाहिए। यदि वे नियमों के तहत किसी विषय को उठायेंगे तो सरकार उसका जवाब जरूर देगी। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से सीट पर जाने और नियमों के तहत सवालों को उठाने का आग्रह किया लेकिन इसके बाद भी हंगामा शांत नहीं हुआ। सभाध्यक्ष श्री चौधरी ने सदन को अव्यवस्थित देखकर सभा की कार्यवाही नौ मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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बाद में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार में अपराध लगातार बढ़ रहा है। सरकार के ही आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले एक साल में बिहार में अपराध दोगुना बढ़ गया है। सीतामढ़ी में दंगा और आये दिन हत्या, लूट, डकैती तथा बलात्कार की घटनाएं हो रही है लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीतामढ़ी में प्रशासन दंगाइयों का साथ दे रहा है।

विधान परिषद में राजद सदस्यों का हंगामा

उधर बिहार विधान परिषद में राजद सदस्यों के राज्य में गिरती विधि-व्यवस्था को लेकर हंगामे और शोरगुल किये जाने के कारण आज परिषद् की कार्यवाही मात्र बीस मिनट बाद ही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
कार्यकारी सभापति हारुण रशीद के आसन ग्रहण करते ही राजद के सुबोध कुमार ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये राज्य में गिरती विधि-व्यवस्था का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध चरम पर है और कानून- व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। दिनदहाड़े लूट, हत्या, अपहरण और बच्चियों के साथ बलात्कार जैसे जघन्य अपराध हो रहे हैं।
श्री कुमार ने कहा कि पुलिस और प्रशासन इन सबके बावजूद हाथ पर हाथ धरे बैठा है। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पितृपक्ष मेले में अपराधियों से हाथ जोड़कर अपराध न करने की विनती की है। उन्होंने कहा कि राज्य में भीड़ की पिटायी से मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न कर ‘कानून अपना काम करेगा’ का राग अलापती रहती है।

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