विचार-विमर्श तथा असहमति लोकतंत्र का अभिन्न अंग : पीएम मोदी

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नागरिकता संशोधन कानून(CAA) को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे हिंसक प्रदर्शन के बाद पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ‘नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण हैं, और बेहद विक्षुब्ध करने वाले हैं, उन्होंने लिखा, “चर्चा, विचार-विमर्श तथा असहमति लोकतंत्र का अभिन्न अंग होते हैं। लेकिन, सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया जाना तथा सामान्य जनजीवन को बाधित करना हमारी प्रकृति का हिस्सा कभी नहीं रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि ‘नागरिकता संशोधन कानून, 2019 को संसद के दोनों सदनों से शानदार समर्थन मिला, बड़ी तादाद में सांसदों तथा राजनातिक दलों ने इसे पारित करना में साथ दिया। यह कानून भारत की सदियों पुरानी स्वीकार्यता, सद्भाव, प्रेम तथा भाईचारे की संस्कृति का प्रतीक है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “मैं बेहद स्पष्ट रूप से सभी भारतीयों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि CAA से किसी भी धर्म को मानने वाला भारत का कोई भी नागरिक प्रभावित नहीं होगा। इस कानून को लेकर किसी भी भारतीय को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। यह कानून सिर्फ उनके लिए हैं, जिन्होंने बरसों तक बाहर अत्याचार बर्दाश्त किया है, और जिनके पास जाने के लिए भारत के अलावा कोई जगह नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक किए ट्वीट में कहा, “वक्त की ज़रूरत है कि हम सब मिलकर भारत के विकास तथा प्रत्येक भारतीय, विशेष रूप से गरीब, कुचले तथा हाशिये पर मौजूद लोगों, के सशक्तीकरण के लिए काम करें। हम निहित स्वार्थ वाले गुटों को खुद को बांटने और तनाव पैदा करने की इजाज़त नहीं दे सकते।

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