पटना : सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहनों की आवाजाही। लोग भी कम। मुख्य मार्गों पर महापर्व होली जैसा सन्नाटा। प्रायः रविवार को अलसायी रहनेवाली राजधानी मतदान पर्व मन रही है। अधिकतर दुकानें भी बंद। लेकिन, करीने से सजे-धजे स्त्री-पुरुष अपने-अपने बूथों की ओर जा रहे थे। सपरिवार वोट देने की होड़ सी मची थी। खासकर पहली बार मतदान करने वाले युवक-युवतियां उत्साहित थे। इसी प्रोत्साहन और उत्साहवर्धन के लिए जिला प्रशासन ने कंकड़बाग के निगम अंचल कार्यालय को मॉडल बूथ बनाया है। पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के 153 से 157 तक पांच मतदान केंद्र बनाए गए हैं। हरे कारपेट बिछाए गए हैं। बड़े-बड़े कूलर लगाए गए हैं। मानो, किसी लकदक शादी या पार्टी का आयोजन हो।
आवभगत देख वोटर भी हतप्रभ थे। पंडाल में शीतल हवा चल रही थी। बच्चे साइकिल और झूले से खेल रहे थे। माता-पिता चारों ओर घूम-घूमकर निहार रहे थे। वाह, क्या व्यवस्था है। जाते समय सबको पौधे दिए जा रहे थे। अशोकनगर की रहने वाली सुषमा देवी अपने पति संग वोट देने आयीं थीं। कुछ पूछने के पहले ही प्रसन्नता जाता रहीं थीं। वहीं अंजू कुमारी, मधु झा, रामकृपाल जी, राजेंद्र प्रसाद और प्रिय कुमारी समेत सैकड़ों मतदाता बूथ से निकलते पौधे लेना नहीं भूल रहे थे। महिलाकर्मी लगातार पौधों की आपूर्ति में जुटीं थीं। लोग कुछ देर ठहरना चाह रहे थे। हरियाली भा रही थी। जगह-जगह गमले सजाए गए थे। बाहर धूप और अंदर छांव। पहल को सराहना मिल रही थी। हालाँकि अन्य बूथ कपड़े की चांदनी के भरोसे गुलजार थे। सपरिवार पहुंचे मतदाताओं को अधिक तवज्जो मिल रही थी। उनके बाहर निकले के बाद ही दूसरे भीतर जा रहे थे। बूथ संख्या-145 पर ऐसा नजारा दिखा। बिहार पुलिस की तैनाती के बावजूद शांति से मतदान कार्य चल रहे थे। पोलिंग एजेंट से पी- 3 होते, पीं… करने में करीब पांच मिनट लग रहे थे। वीवी पैट में सिम्बल भी दिख रहे थे। मतदान व सुरक्षाकर्मियों के बीच ठंडा पानी की जद्दोजहद भले चल रही थी। घूंट-घूंट से कंठ तर कर रहे थे। व्यावसायिक मुहल्लों में सन्नाटे पसरे थे और आवासीय में वोट की चोट सुनाई दे रही थी। ठेले-रिक्शे कतारबद्ध पार्किंग और चालक स्लीपिंग मोड में। पेट्रोल पंपकर्मी भी गपशप में मशगूल थे। भले करगिल चौक पर वज्र वाहन प्रतिकूल माहौल से निबटने को तैनात थे। 12 बजे पटना में सबसे कम 6 प्रतिशत मतदान हुए थे। वहीं जहानाबाद में सर्वाधिक 26 प्रतिशत मतदान हो चुके थे।