बेतिया : सरकार भले ही वाल्मीकिनगर जंगल को नेशनल टूरिस्ट मैप पर लाने की कवायद कर रही हो, पर तस्करों की कवायद भी हिंसक पशुओं के लिए कम नहीं हो रही। अभी हाल ही में एक भालू वहां महाजाल में फंस कर मरा पाया गया। इससे स्पष्ट है कि महाजाल तस्करों ने ही बिछा रखा था।
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इस तथ्य की पुष्टि करते हुए वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि आज ही रधिया और गोवर्धना के जंगल में 12 बोर की गन पहाड़ पर लावारिस हालत में मिली है। संभव है कि तस्कर उक्त शस्त्र से शिकार करना चाह रहे हों। विदित है कि 12 बोर की गन को बाघ सहित अन्य हिंसक पशुओं के शिकार में इस्तेमाल किया जाता है।
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बहरहाल, वन विभाग ने पेटोलिंग बढ़ाने का निर्देश देते हुए वाच टावर और सीसीटीवी लगाने का निर्देश भी दिया है ताकि संवेदनशील जगहों पर नजर रखी जा सके।
अभी वाल्मीकिनगर व्याघ्र परियोजना में 32 बाघ हैं। यहां से पहले बाघों की तस्करी के मामले भी सामने आए थे। खासकर, इंटरनेशनल तस्कर गैंग इस पर अपनी नजर गड़ाए रहते हैं। नेपाल सीमा के करीब होने के कारण उन्हें आसानी होती है।
वाल्मीकिनगर स्थित सोमश्वर पहाड़ी पर एसएसबी सहित वनकर्मियों की पेट्रोलिंग होती ही नहीं। कारण कि पहाड़ी काफी उंची है। इधर, सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलिंग नहीं होने के कारण तस्कर स्थानीय पहाड़ी पर ही टूरिस्ट के वेश में रहते हैं।
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