वाल्मीकि नगर को कई सौगातें सौंपेंगे सीएम, 8 नवंबर को दौरा, मंत्री ने लिया जायजा
वाल्मीकि नगर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वाल्मीकिनगर को कई सौगातें देेने वाले हैं। इसके लिए 8 नवंबर को सीएम यहां आने वाले हैं। उनके आगमन से पूर्व जलसंसाधन मंत्री संजय झा वाल्मीकि नगर पहुंचे और सीएम द्वारा उदघाटन किये जाने वाले विभिन्न जगहों का निरिक्षण किया। सीएम की यात्रा के साथ ही वाल्मीकि नगर आने वाले सैलानियों को कई सौगातें मिलने जा रहाी हैं।
गंडक बराज के अप स्ट्रीम के बाएं एवं दायें तटबंध पर हो रहे सुरक्षात्मक कार्य के तहत निर्माणाधीन बांध का मंत्री ने जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि यहां से पर्यटक गंडक नदी की खूबसूरती का दीदार कर सकेंगे। जलसंसाधन विभाग के सौजन्य से गंडक नदी के जलाशय को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके तहत तेजी से विकास के काम चल रहे हैं।
1080 मीटर से आगे कालेश्वर मंदिर तक तटबंध का सुरक्षात्मक कार्य का निरिक्षण किया गया। इसके बन जाने से इको पार्क, होटल बाल्मीकि बिहार, कोलेश्वर मंदिर सहित वीटीआर का जंगल गंडक नदी के कटाव से सुरक्षित हो जाएगा। गंडक बराज के अप स्टीम (नेपाल) में दायां एफलेक्स बांध, वैष्णव घाट तक सुरक्षात्मक कार्य प्रगति पर है। जिससे नेपाल के पर्यटक भी गंडक की खूबसूरती को करीब से निहार सकेंगे।
वहीं त्रिवेणी (नेपाल) स्थित श्मशान घाट के भी दिन बहुरने वाले हैं। सड़क के लेवल तक बांध की ऊंचाई होगी। बताते चलें कि गंडक नदी का उच्चतम जल स्तर 113. 08 मीटर है। इसे ध्यान में रखते हुए 115 मीटर के लेवल पर वाॅल का निर्माण किया जा रहा है । इससे भविष्य में गंडक बराज का बायां एवं दायां तटबंध सुरक्षित हो सकेगा। एक तरफ से गेस्ट हाउस की ओर जाने वाली सड़क के किनारे क्षेत्र का आकर्षण बढ़ा रहा है तो वहीं दायां तटबंध निर्माण की तैयारी चल रही है। जिससे नेपाल की ओर से भी गंडक नदी का करीब से दीदार हो सकेगा।
इस अवसर पर मंत्री श्री झा के द्वारा इको पार्क का निरिक्षण किया गया। गेस्ट हाउस के उपर बने वाले प्री फैब्रिकेटेड (सूट रूम) का निर्माण पूर्ण हो गया है। वर्तमान समय में वाल्मीकि नगर पर्यटन का ऐसा केंद्र बन गया है, जो आम लोगों को खूब लुभा रहा है। वाल्मीकि नगर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के लोग भी गंडक नदी का खूबसूरत नजारा कैमरे में कैद करने के लिए आ रहे हैं। सुबह उजाला होने के बाद से देर रात तक लोग परिवार के साथ यहां पर सेल्फी लेकर ऐसे ही यहां का लुत्फ उठा रहे हैं जैसे मुम्बई का मैरीन ड्राईव लोगों को लुभाता है।
होगा नौका विहार …
सूबे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वाल्मीकि नगर को संवारने का जो सपना देखा था, वह इको हट, इको पार्क व मेडिटेशन सेंटर, नौका विहार के उद्घाटन के साथ पूरा हो जाएगा । अतिथि भवन के सामने इको पार्क का निर्माण पूर्ण हो गया है। इसमें मेडिटेशन से लेकर सुरक्षा तक की आधुनिक सुविधाएं मौजूद होगी। लगभग 08 करोड़ की लागत से वाल्मीकि नगर में इको पार्क के साथ मेडिटेशन सेंटर भी बन रहा है। वाल्मीकि की धरती को सजाने के लिए सीएम ने खुद ही प्लानिंग कर और योजना बनाकर जल संसाधन विभाग को सौंपा है। नीतीश कुमार के सपने को पंख देने के लिए युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। इन्डो नेपाल सीमा पर गंडक नदी के किनारे वाल्मीकिनगर की हसीन वादियों के बीच अब पर्यटकों का नये अंदाज में स्वागत होगा।
पर्यटन के क्षेत्र में जल संसाधन विभाग भी वन विभाग की तर्ज पर इतिहास लिखने को आमादा है। इको पार्क के निर्माण कार्य के अंतर्गत बाउंड्री वॉल, गेट, गार्ड रूम, शौचालय, टिकट बूथ, कार पार्किंग, दुकान, वाच टावर, मेडिटेशन हट, परगोला, पेरिफेरल, लाईटिग, लैंड स्केपिग इत्यादि का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है ।
वाल्मीकिनगर के मनोहारी दृश्य का दीदार करने के लिए यहां आने वाले पर्यटकों के लिए मेडिटेशन हट बनाया जा रहा है। ताकि पर्यटक यहां के एडवेंचर का आनंद उठाने के साथ – साथ प्रदूषण मुक्त फिजा में योग भी करें सकें। सुबह की सैर करने वाले एवं योग करने वालों के लिए यह बेहद उपयोगी व्यवस्था की जा रही है। यहां मेडिटेशन हट बना कर विभाग पर्यटकों को आकर्षित एवं लाभान्वित करने की दिशा में काम कर रही है। इस कार्य की जिम्मेदारी न्यू नालंदा ट्यूबवेल बोरिग एण्ड इंजीनियरिंग वर्क्स को सौपा गया है।ईको पार्क के माध्यम से पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य को करीब से निहार सकेंगे।
यहां से हिमालय की ऊंची चोटियों का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से सुकून पाने के लिए यह बेहतरीन विकल्प है। बच्चों को प्रकृति के करीब लाने के लिए जलसंसाधन विभाग ने एक खास पहल की है। पार्क इतना आकर्षक व इको फ्रेंडली है कि बच्चे तो क्या, बड़े भी इसमें समय बिताना चाहते हैं।
प्रकृति के करीब आएंगे बच्चे…
यह पार्क लोगों के लिए शीघ्र ही खोला जाएगा । खिलौने से लेकर वाद्य यंत्र तक पार्क में बच्चों के लिए हाथी, जिराफ, मेंढक, छिपकली, शेर, खरगोश आदि की फाइबर व मेटल की मूर्तियां लगाने की योजना है। जो उन्हें प्रकृति के करीब लाने का काम करेंगी। वहीं, हरी घास व तरह-तरह के पौधे शुद्ध वातावरण प्रदान करने में सहायक है।
तरबूज की शक्ल की बेंच हो या, हाथ के पंजे की शक्ल की कुर्सियां, यह सब बच्चों के आकर्षण का केंद्र होगा । बच्चों के खेलने के लिए झूले इत्यादि लगवाए जा रहें हैं, जबकि पार्क में टहलने आने वाले लोगों के बैठने की भी उपयुक्त व्यवस्था की गई है। झूलों का आनंद लेने के लिए बच्चों का यहां यहां जमावड़ा लगेगा । वाल्मीकि नगर आने वाले पर्यटक भी ईको पार्क में घूमने व सकून के पल बिताएंगे। वहीं पर्यटकों के बच्चे झूले झूलने का भी खूब आनंद उठायेंगे । पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कई अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
क्या-क्या होगा पार्क में
पार्क में गार्डेन बनकर तैयार है। यहां गुलाब की कई किस्में लगायी गयी हैं। यह पार्क देशी और विदेशी पौधों से सजा है। यहां पर्यटकों के बैठने और घूमने के लिए ट्रैक का निर्माण भी किया गया है।
चिल्ड्रेन पार्क भी इस इको पार्क का हिस्सा होगा। यहां गार्डेन के बीच बच्चों के लिए कई प्रकार के झूले लगाये जायेंगे। मौके पर वाल्मीकि नगर विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह, आप्त सचिव संजीव हंस, जिलाधिकारी निलेश चंद्र देवरे, एसपी राजीव रंजन,एसडीएम विशाल राज, डीसीएलआर मो,इमरान, अधीक्षण अभियंता नंद कुमार झा, रंजन कुमार,मुख्य अभियंता शान्ति रंजन आदि मौजूद रहे ।
विभोर पाण्डेय