पटना : ज्ञान भवन पटना में इंडियन आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी और बिहार सरकार के कला, संस्कृति व युवा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय ‘राष्ट्रीय संगोष्ठी’ में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि वैशाली में भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि कलश को प्रदर्शित करने के लिए 300 करोड़ रुपये की लागत से ‘बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप’ का निर्माण कराया जायेगा जो पूर्णतया पत्थर से निर्मित विशाला संरचना होगा। 15 वें वित्त आयोग की टीम से बिहार सरकार ने 417 करोड़ रूपये की मांग की है जिससे पुरातात्विक स्थलों की खुदाई, संरक्षण व संवर्धन समेत विभिन्न संग्रहालयों का निर्माण किया जाएगा।
बिहार सरकार ने भागलपुर व नवादा के देवनगढ़ में पुरातत्व सर्वेक्षण कराया है। देवनगढ़ में पाल कालीन मंदिर एवं कुषाण कालीन ईट निर्मित संरचना का अवशेष मिला है। भागलपुर में सर्वेक्षण के दौरान 200 पुरास्थलों की खोज हुई है। सारण, अरवल और रोहतास में खुदाई कार्य प्राभं हुआ है। साथ ही दरभंगा व पूर्णिया में पुरातात्विक सर्वेक्षण किए जा रहे हैं।
विश्वप्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष से 30 किमी दूर तेल्हाड़ा में साइट म्युजियम का निर्माण कराया जा रहा है। लखीसराय की लाली पहाड़ी की खुदाई में ‘डांसिंग बुद्ध’ की मूर्ति मिली है। सरकार ने पुरातत्व भवन व पुरातात्विक अवशेष के संरक्षण हेतु लैब के निर्माण का निर्णय लिया है। साथ ही पुरातात्विक-ऐतिहासिक स्थलों को चिन्ह्ति कर पुरातात्विक एटलस का निर्माण कराया जायेगा। झारखंड के अलग होने से बिहार खनिज-संपदा विहीन हो गया लेकिन हमारे पास ऐसी धार्मिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक और पुरातात्विक संपदा समेत महान परंपरा और विरासत है, जो दुनिया को बिहार आने के लिए बाध्य कर देती है। 40 हजार से ज्यादा विदेशी बौद्ध श्रद्धालु प्रतिमाह बोधगया आ रहे हैं। भारत सरकार ने पुरातत्वविद डा. डी के चक्रवर्ती, केसरिया बौध स्तूप की खुदाई करने वाले डा. के के मोहम्मद व शारदा श्रीनिवासन को पद्मश्री प्रदान कर पुरातत्वविदों का सम्मान बढ़ाया है।