नवादा : बिहार में नवादा के किसान उदास हैं। ऐसा उत्तरा नक्षत्र के बाद अब हथिया नक्षत्र में बारिश की स्थिति अच्छी नहीं रहने के कारण हुआ है। उत्तरा ने तो पहले चरण में कुछ राहत दिया था, लेकिन हथिया नक्षत्र के पांच दिन व्यतीत होने के बावजूद एक बूंद बारिश नहीं होने से किसानों का मुंह लटका हुआ है।
रोपनी से कहीं ज्याद अब जरूरी है पानी
किसानों का कहना है कि जितनी पानी की आवश्यकता रोपनी से अबतक पङी, उतना अकेले धान के गर्भ के समय पानी की जरूरत होती है। फिलहाल धान का गर्भ में आना आरंभ हो गया है और बारिश के न होने से फसलें सूखने लगी है। नदी, आहर, पइन सब सूखे पङे हैं तो डीजल की बढ़ती महंगाई के कारण किसानों की हिम्मत जवाब दे रही है। ऐसे में फसल का मरना तय माना जा रहा है।
नवादा में लक्ष्य से कम हुआ आच्छादन
जिले में 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान आच्छादन के रखे गए लक्ष्य के विरुद्ध इस वर्ष पानी के अभाव में काफी कम आच्छादन हुआ। पकरीबरांवा व काशीचक प्रखंड क्षेत्र का हाल तो और बुरा रहा। सर्वाधिक आच्छादन पहाङी व जंगली क्षेत्रों में हुआ। लेकिन अब बारिश के अभाव व भूगर्भीय जलस्तर के लगातार नीचे जाने से किसानों में निराशा के भाव उत्पन्न होने लगे हैं।
क्या कहते हैं कृषि के घाघ पंडित
दिन में गर्मी रात में ओस, तब जानो वर्षा सौ कोस। फिलहाल जिले में दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस व रात का 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है। दिन में कङाके की गर्मी व रात में गुलाबी ठंड का अहसास होने से फिलहाल बारिश की आस नहीं है। ऐसे में किसानों को फसल बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पङ रही है।
किसानों का मानना है कि हथिया नक्षत्र में बारिश नहीं हुई तो धान की फसल तो मारी जाएगी ही दलहन, तेलहन के साथ रबी फसल पर भी संकट आना लगभग तय है। ऐसे में किसानों को अब भी हथिया नक्षत्र में बारिश का इंतजार है।