पटना : बिहार को ऊर्जा के मामले में सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार कोई कोर—कसर नहीं छोड़ना चाहती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल यानी 26 फरवरी को विद्युत भवन में एक हजार करोड़ से अधिक के लागत वाली योजनाओं का कार्यारंभ एवं उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं का उद्देश्य शहरोें के विस्तार के साथ ऊर्जा जरूरतों की मांग में वृद्धि को लेकर भविष्य में होने वाली समस्याओं का समाधान करना है। वहीं विकास के मामले में पीछे छूट गए कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिद्युत आपूर्ति की आदर्श स्थिति कायम करनी है। ताकि उग्रवाद जैसी समस्याओं से लोगों को उबार कर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इस समारोह में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र नारायण यादव भी उपस्थित रहेंगे।
कल आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नये ग्रिड उपकेंद्र एवं उससे जुड़े संचरण लाईन का उद्घाटन करेंगे। पटना के कटरा, खगौल, जक्कनपुर एवं मीठापुर ग्रिड उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाई गयी है। समारोह में इसका भी उद्घाटन होगा। भोजपुर क्षेत्र में बिजली की आवश्यकता को देखते हुए 132 केवी डबल सर्किट, आरा-जगदीशपुर संचरण लाईन का भी इस समारोह में उद्घाटन करेंगे।
उग्रवाद पीड़ित अरवल के कलेर प्रखंड के लोदीपुर गांव में 5 एमवीए क्षमता वाले दो ट्रांस्फॉर्मर के शक्ति उपकेंद्र का भी कल उद्घाटन होगा। इसी प्रकार उग्रवाद प्रभावित औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड के जमुआ, बैरावां, गया के आंती, कोच जैसे 12 स्थानों पर शक्ति उपकेंद्रों का उद्घाटन होने वाला है। वहीं बेगूसराय, सिवान, सीतामढ़ी, वैशली, सहरसा, कटिहार, सारण, मधुबनी, अररिया, गांपालगंज जिलों मं कुल 26 स्थानों पर विद्युत शक्ति केंद्रों का निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।
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