उपमुख्यमंत्री से मिलकर डॉ. जायसवाल ने सहनी के निर्णयों को रद्द कर पूर्ववत रखने का किया आग्रह
पटना : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने मंगलवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सह पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री तारकिशोर प्रसाद से मुलाक़ात कर पूर्व विभागीय मंत्री द्वारा लिए गए निर्णयों को पूर्ववत रखने के लिए एक पत्र सौंपकर मछुआरा समाज की परेशानियों को दूर करने का आग्रह किया है।
पत्र में कहा गया है कि बिहार के अति पिछड़े वर्ग में मछुआरा समाज की बड़ी आबादी है, जो आर्थिक-सामाजिक दृष्टिकोण से हाशिये पर है और इनका विशिष्ट आर्थिक समायोजन सरकार की जिम्मेवारी के साथ-साथ हमारी जवाबदेही भी है। केंद्र तथा राज्य सरकारों के द्वारा कई योजनाएं इस समाज के उत्थान के लिए कई निर्णय लेती है लेकिन वास्तविक मछुआ समाज के पहचान के बिना वास्तविक लाभुक और जरूरतमंद को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।
पटना उच्च न्यायालय ने भी सहकारिता विभाग से परंपरागत मछुआ समाज की पहचान स्थापित करने और भविष्य में अपने विभाग में मत्स्यजीवी सहयोग समितियों का निबंधन उसी दृष्टिकोण से करने के आदेश दिए है, जिसमें परंपरागत मछुआरा समाज ही रहे। पत्र में यह भी कहा गया है कि सहकारिता विभाग ने छह बार पत्रों के माध्यम से पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग से परंपरागत मछुआ समाज का वर्गीकरण करके सूची उपलब्ध कराने को कहा गया, लेकिन दुर्भाग्य से हमारे गठबंधन के साथ जो पशु एवं मत्स्य विभाग के मंत्री थे उन्होंने इस विषय पर गंभीरता नहीं बरती और सूची उपलब्ध नहीं हो सकी।
डॉ. जायसवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले दिनों प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के कई मंत्री एवं अध्यक्ष उनसे मिलने आए और उन्होंने अपना प्रतिवेदन मुझे दिया था। इन समितियों में आमतौर पर दो पद होते हैं जिनमें एक अध्यक्ष होता है और एक मंत्री के रूप में कार्य करते हैं।
पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने 15 मार्च 2022 को अपनी विभागीय बैठक में उपरोक्त दो पदों में से सिर्फ एक अध्यक्ष को बनाए रखने की अनुशंसा किया है और निर्वाचित पदेन मंत्री के स्थान पर पदेन प्रबंधक जो बिहार सरकार का एक पदाधिकारी होगा उसे स्थान देने की अनुशंसा भी किया है। पत्र के माध्यम से डॉ जायसवाल ने इससे मत्स्य पालन से जुड़े समाज को नुकसान पहुंचने की आशंका जताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में लालफीताशाही हावी हो जाएगा।
पत्र के अंत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उपमुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा है कि आप फिलहाल पशु मत्स्य संसाधन मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, इसलिए उपरोक्त दोनों विषयों ’परंपरागत मछुआ समाज’ की पहचान स्थापित करने, उन्हें सूचीबद्ध करके सहकारिता विभाग को उपलब्ध कराने एवं उनके वांछित अर्हता को प्रकाशित करने तथा प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति में ’मंत्री’ की भूमिका को यथावत बनाए रखने के दिशा में कार्य करने की कृपा करें।