उपचुनाव से पहले बिखरा महागठबंधन

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पटना : उपचुनावों की घोषणा के साथ ही बिहार महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान शुरू हो गई थी। पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में दावेदारी का खेल महागठबंधन के घटक जीतन राम मांझी ने शुरू किया था। हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने नाथनगर सीट पर अपनी पार्टी की दावेदारी प्रस्तुत करते हुए चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी थी ।

मांझी ने उतारा उम्मीदवार

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लेकिन, भागलपुर दौरे पर पहुंचे जीतन राम मांझी ने नाथनगर सीट पर अपना उम्मीदवार उतार दिया। उम्मीदवार उतरने के साथ ही मांझी ने तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला। मांझी ने कहा कि राजद ने भी हमें धोखा दिया है। महागठबंधन का एक ही मकसद था जनता को एक विकल्प देना मतलब नीतीश कुमार के समानांतर किसी नेता को खड़ा करना। लेकिन, यह दुर्भाग्य है कि कुछ नेता भाजपा और उसके सहयोगियों से हाथ मिलकर महागठबंधन का बेडा गर्त करने पर तुले हैं।

मुकेश सहनी भी ठगे गए

मांझी के बाद महागठबंधन में उपेक्षित महसूस कर रहे मुकेश साहनी ने भी सिमरी बख्तियारपुर से अपना उम्मीदवार उतरने का ऐलान कर दिया। सहनी ने कहा कि हमारी पार्टी लम्बे समय से यहाँ सक्रिय है। 2019 के लोकसभा चुनाव में मै खुद यहाँ से चुनाव लड़ा था तो स्वाभाविक सी बात है यहाँ से उम्मीदवार हमारे ही पार्टी का होगा। सहनी ने आगे कहा कि अगर सभी दल एक -एक उम्मीदवार उतरती है तो हम सबका समर्थन करेंगे। लेकिन अगर कोई मनमर्जी करेगा तो वह नहीं चलेगा।

कांग्रेस भी राजद को आईना दिखने के फ़िराक में

प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में भाग लेने पहुंचे बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि अगर कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती है तो कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में जा सकती है। मालूम हो कि बिहार कांग्रेस के दो तिहाई से अधिक नेता राजद के साथ समझौता करने के पक्ष में नहीं है। गोहिल ने यह भी कहा कि अंतिम निर्णय पार्टी का राष्ट्रीय आलाकमान ही लेगी।

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