चाचा पारस को है कुर्सी की लालच, नए गठबंधन को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं- चिराग

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पटना : बंगले से बेदखल होने के बाद भी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का मोदी मोह खत्म नहीं हो पा रहा है। चिराग पासवान बंगला खाली कराए जाने के तरीके पर भले ही ऐतराज जता रहे हो और उनकी पार्टी के प्रवक्ता द्वारा मोदी सरकार की कार्यशैली और भाजपा पर भले ही सवाल उठाया जा रहा हो, लेकिन इसके बाबजूद खुद चिराग का मुंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभी भी नहीं खुल रहा है।। चिराग पासवान का मोह अभी भी भाजपा के लेकर भंग नहीं हुआ है। शायद यही वजह है कि अभी भी चिराग नए गठबंधन की संभावनाओं को लेकर पुराने स्टैंड पर कायम नजर आते हैं।

जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं

दरअसल, भाजपा से धोखा खाने और फिर नए गठबंधन की संभावनाओं को लेकर चिराग से जब सवाल किया गया तो उन्होंने एक बार फिर पुरानी बात दोहरा दी है। चिराग पासवान ने कहा है कि गठबंधन को लेकर वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करेंगे और चुनाव के पहले ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

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वहीं, चिराग अपने चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को लेकर खासे नाराज दिखे हैं। चिराग पासवान ने कहा है कि जिस तरह बंगला खाली कराया गया और उनके पिता के साथ-साथ संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा के साथ सलूक किया गया। उसके बावजूद अगर उनके चाचा पशुपति पारस चुप हैं तो केवल इसलिए कि वह अपनी कुर्सी बचाए रखना चाहते हैं।

मालूम हो कि, लोजपा (रामविलास) सांसद चिराग पासवान से दिल्ली स्थित 12 जनपथ वाले घर को खाली कराया जा चुका है। इसको लेकर खूब सियासत भी हो रही है। राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक आज चिराग पासवान से मिलने पहुंचे। इस मुलाकात के बाद चिराग पासवान भी मीडिया के सामने आये। चिराग ने कहा कि हर मुलाकात के राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए। चिराग पासवान ने कहा कि श्याम रजक से साथ हमारे पुराने संबंध रहे हैं।

वहीं, श्याम रजक ने भी कहा कि रामविलास पासवान हमारे बड़े भाई की तरह रहे हैं। जिस तरह से उन्हें बेघर किया गया, उनकी तस्वीर और बाबा साहब की मूर्ति को सड़क पर फेंका गया उससे हम सभी दुखी हैं। श्याम रजक ने कहा कि हम आज चिराग पासवान से मिलकर उनका दुख बांटने आये हैं।

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