महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर केंद्रीय मंत्री चौबे ने व्यक्त किया दुख, कहा- व्यक्तिगत क्षति

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पटना : देश भर में अपने बयान से सुर्खियों में रहने वाले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनका शव अल्लापुर में बाघम्बरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला है।

वहीं, मौके पर सुसाइड नोट मिला है जिसमें शिष्य आनंद गिरि से प्रताड़ित होने की बात का जिक्र है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम से मौत की वजह साफ होगी। सुसाइट नोट की हैंड राइटिंग की भी जांच होगी। उधर, हरिद्वार में महंत के विवादित शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में लिए जाने की खबर है।

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वहीं, इसी बीच केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के संदिग्ध मौत पर शोक और दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इसे व्यक्तिगत क्षति बताया।

संपूर्ण जीवन सनातन धर्म, राष्ट्र और आम लोगों के लिए समर्पित

चौबे ने कहा कि नरेंद्र गिरी का संपूर्ण जीवन सनातन धर्म, राष्ट्र और आम लोगों के लिए समर्पित रहा। संतो की विभिन्न धारा को एक साथ करने, राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और संत समाज के विकास व मार्गदर्शन के लिए उनको सदैव याद किया जाता रहेगा। उनका निधन राष्ट्र और संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति तो है ही, मेरे लिए व्यक्तिगत बहुत बड़ी क्षति है। ईश्वर इन महान आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और समस्त शिष्यों, अनुयाइयों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।

 

 

 

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