यूजीसी ने जारी की नई गाइडलाइंस, सितंबर अंत तक ली जाएंगी परीक्षाएं

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पटना/दरभंगा : विश्वविद्यालय अनुदान आयोगन (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं की बाकी, आगामी परीक्षाओं और नए एकेडमिक सत्र को लेकर रिवाइज्ड गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं। यूजीसी के इस फैसले और प्रेस नोट की जानकारी केद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सोमवार देर शाम को दी। इससे कुछ देर पहले भारत सरकार के गृह मंत्रालय (एमएचए) ने भी विश्वविद्यालयों को परीक्षाएं कराने की अनुमति दी।

यूजीसी की नई गाइडलाइन्स के अनुसार, विश्वविद्यालयों/शैक्षिक संस्थाओं में स्नातक और परास्नातक की फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर 2020 अंत तक आयोजित की जाएंगी। लेकिन सभी संस्थाओं और छात्रों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन्स का पालन करना होगा।

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इस मौके पर एचआरडी मंत्री निशंक ने कहा कि यूजीसी ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं से संबंधित अपनी पहले की गाइडलाइन्स को रिवाइज्ड किया है। काफी सलाह मशविरा के बाद छात्रों के बड़े हितों जैसे छात्रों की सुरक्षा, प्लेसमेंट और उनके करियर को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन्स जारी की गई हैं।
यूजीसी ने अपने प्रेस नोट में लिखा है कि अप्रैल 2020 में कोरोना संकट को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था कि वह परीक्षाओं और नए एकेडमिक सत्र को लेकर अपनी रिपोर्ट दे। इसी समिति की रिपोर्ट/अनुशंसा के आधार पर यूजीसी ने 29 अप्रैल 2020 को विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं और एकेडमिक कैलेंडर को लेकर गाइडलाइन्स जारी की थीं।

यूजीसी ने एक बार फिर इसी एक्सपर्ट कमेटी से आग्रह किया था कि वह अप्रैल में जारी की गई गाइडलाइन्स पर पुनर्विचार करे और विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं व एकेडमिक सत्र के बारे में सुझाव दे क्योंकि मौजूदा दौर में कोरोना वायरस महामारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस समिति ने 06 जुलाई को यूजीसी की एक आपात बैठक में अपने सुझाव रखें जिसे यूजीसी ने स्वीकार कर लिया

यूजीसी समिति की सुझाव की मुख्य बातें

  • टर्मिनल सेमेस्टर/फाइनल ईयर की परीक्षाएं सितंबर 2020 के अंत तक आयोजित कराई जाएंगी। यह परीक्षाएं संस्थान अपनी सुविधा के अनुसार, ऑनलाइन या ऑपलाइन मोड से करा सकते हैं।
  • फाइनल ईयर/सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन ऑफ लाइन/ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर ही किया जाना चाहिए।
  • कोई भी छात्र/छात्रा फाइनल ईयर परीक्षा में भाग नहीं ले पाते तो उन्हें विश्वविद्यालय या संबंधित संस्थान द्वारा आयोजित कराई जाने वाली विशेष परीक्षा में भाग लेने का मौका दिया जाए। यह स्पेशल परीक्षा विश्वविद्यालय जब उचित समझे तब करा सकता है। लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ एकेडमिक ईयर 2019-20 के लिए ही मान्य होगी।
  • बाकी परीक्षाएं जैसे, बीए प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष/प्रथम सेमेस्टर या द्वितीय सेमेस्टर के लिए 29 अप्रैल 2020 को यूजीसी की ओर से जारी की गई गाइडलाइन्स ही मान्य होंगी।

मुरारी ठाकुर

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