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मेवालाल को लेकर दो पूर्व सीएम आमने-सामने

पटना : बिहार के नवगठित मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री ने ऐसे विधायक को मंत्री बनाया है, जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप है। करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाले नीतीश कुमार ने मेवालाल चौधरी को शिक्षा विभाग दिया है। मेवालाल पर स्पेशल विजिलेंस ने 2017 में केस दर्ज किया था और भागलपुर के सबौर थाने में भी 2017 में केस दर्ज हुआ था। जदयू के विधायक मेवालाल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार के मुकदमा दर्ज है। इनके खिलाफ अभी भागलपुर के एडीजे-1 की अदालत में मामला लंबित है।

मेवा को लेकर रांची में चारा घोटाले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर हमला बोलते हुए कहा है कि तेजस्वी जहाँ पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियाँ देने को प्रतिबद्ध था वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दिया। विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हुए हैं।

वहीं इस मसले पर सीपीआई एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी कहा कि यदि मेवालाल चैधरी को मंत्रिमंडल से अविलंब बर्खास्त नहीं किया गया तो पार्टी धारावाहिक आंदोलन में उतरेगी।

लालू व राजद के आरोप पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पहली बार देख रहा हूँ जब भ्रष्टाचार के सजायाफ्ता का पुत्र जिसके उपर खुद भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के कई मामले चल रहें हैं वह किसी और के ख़िलाफ भ्रष्टाचार की मुहीम चला रहा है। चलनी दूसे सूप को,जिसमें खुद हजारो छेद।