ट्विटर की ‘पिच पर बयानों की धुआंधर बैटिंग’ कैसे? पढ़ें

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पटना : सूचना—तकनीक की तरक्की ने चुनावों में प्रचार के पारंपरिक तरीकों को भी नया आयाम दे दिया है। अब मंचों और रैलियों से गरजने और टिक्का-टिप्पणी करने वाले नेता सोशल साइट्स के माध्यम से भी जनता से जुड़ने और प्रतिद्वंद्वियों पर प्रहार का खूब प्रयोग कर रहे हैं।

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2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के इन नये माध्यमों में ट्विटर सबसे अहम हथियार के तौर पर उभरा है। इसकी ‘पिच’ पर पक्ष—विपक्ष के नेता जमकर बयानों की बैटिंग कर रहे हैं। 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान शुरू होना है। चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लागू करने के बाद दल और राजनेता प्रचार का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते। देश भर में तकरीबन 10 करोड़ नए वोटरों की इस बार के चुनाव में बहुमत तय करने में बड़ी भूमिका होगी। इसी कारण युवाओं को लक्षित कर तमाम दांवपेंच प्रचार के इस नए माध्यम पर खेले जा रहे हैं।

ट्विटर पर जारी कुछ चर्चित घमासान

ट्विटर पर होने वाले राजनीतिक घमासान शीघ्र ही तीव्र गति से ट्रेंड में आ जाते हैं। फिर चाहे वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का “मैं भी चौकीदार” हो या विपक्ष द्वारा दिया गया “चौकीदार चोर है” का पलटवार। बिहार में महागठबंधन की बड़ी पार्टी राजद के दो युवराज भी ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं। एक ओर जहां लालू यादव के छोटे पुत्र और राजनीतिक विरासत संभालने वाले तेजस्वी यादव केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विफलताओं पर टिप्पणियां करते नजर आते हैं। वहीं लालू के बड़े सुपुत्र तेजप्रताप यादव पार्टी और परिवार की अंदरूनी कलह को ट्विटर पर जगजाहिर कर आये दिन सुर्खियों में रहते हैं।

गिरिराज और कन्हैया की जंग

बिहार में बेगूसराय लोकसभा सीट के एनडीए प्रत्याशी गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार के बीच ट्विटर पर माहौल बहुत गरम है। कन्हैया ने 26 मार्च को गिरिराज सिंह को ट्वीट कर कहा था कि “बताइये, लोगों को जबरदस्ती पाकिस्तान भेजने वाले ‘पाकिस्तान टूर एंड ट्रेवल्स विभाग’ के वीजा मंत्रीजी नवादा से बेगूसराय भेजे जाने पर हर्ट हो गए। मंत्रीजी ने तो कह दिया ‘बेगूसराय को वणकम्म’…”
गिरिराज कहां चुप बैठने वाले थे। उन्होंने 29 मार्च को बेगूसराय रैली में और फिर ट्विटर पर लिखा कि ” अरे ये जिग्नेश मेवानी बेगूसराय में क्या कर रहा है? इसने गुजरात में सभी बिहारियों को मार-मार के वहां से भगाया था, और बिहारियों की माँ-बहनों को भी परेशान किया था। वह जहां भी दिखे, उससे सवाल पूछियेगा कि इसने बिहारियों के साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया था?” मालूम हो कि कन्हैया की मदद करने जिग्नेश मेवानी गुजरात से बेगूसराय आए हुए हैं और प्रचार कर रहे हैं।

अभी हाल ही में एक और मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामला है गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल पर गुजरात हाईकोर्ट द्वारा उनकी याचिका ख़ारिज कर देने का। जिसके बाद यह तय हो गया है कि हार्दिक पटेल 2019 लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं होंगे। अब ट्विटर पर इसके बाद उनकी प्रतिक्रिया तेज हो गई है। वे लगातार केंद्र सरकार पर तंज कसते नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा ” गुजरात हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। चुनाव तो आते-जाते हैं, लेकिन संविधान के खिलाफ भाजपा काम कर रही है। कांग्रेस पार्टी के पच्चीस साल के कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने से क्यों रोक जा रहा है। भाजपा के बहुत सारे नेताओं पर मुकदमे हैं, सजा भी है। लेकिन कानून सिर्फ हमारे लिए है।” साफ है कि ट्विटर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार को एक नया आयाम दिया है।

(सत्यम दुबे)

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