PM की मां को बक्सर रामरेखा घाट पर दी गई श्रद्धांजलि, प्रार्थना सभा व दीपदान भी
बक्सर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बेन के निधन की वजह से श्रीराम कर्मभूमि न्यास द्वारा 31 दिसंबर को बक्सर में आयोजित सिद्धाश्रम प्रवासी भारतीय समागम को स्थगित करते हुए रामरेखा घाट पर शनिवार की शाम को एक श्रद्धांजलि व विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। साथ ही मोक्षदायिनी गंगा में हीरा बा के नाम से दीप दान का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से केंद्रीय मंत्री और बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे उपस्थित रहे।
मां का स्थान कोई नहीं ले सकता : केंद्रीय मंत्री चौबे
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने प्रधानमंत्री की मां के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मां का स्थान जीवन में कोई नहीं ले सकता। प्रधानमंत्री भारत माता के सपूत हैं। उन्हें सभी माताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। इस दुख की घड़ी में सभी प्रधानमंत्री एवं उनके परिवार के साथ हैं। श्री चौबे ने कहा कि मं हीराबा ने अपने त्याग, तपस्या, संस्कार पूर्ण जीवन, धर्मपरायण कर्तव्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गढ़ने का कार्य किया। यह सादगीपूर्ण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मां की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पुत्र धर्म और राष्ट्र धर्म की जो मिसाल पेश की है, वह युगों तक याद किया जाएगा।
हीरा बा को याद कर भावुक हुए अश्विनी चौबे
मां हीराबा का निधन सच पूछिए तो एक ऐसी महिला का निधन है, जिन्होनें अपने संघर्षों के बहुत आयाम देखे। साथ ही अपने पुत्र को सर्वोच्च राजनीतिक शिखर पर पहुंचते हुए भी देखा। किन्तु उन्होंने कभी अपने संयम, सिद्धांतों और सहजता से समझौता नहीं किया। हीराबा का निष्काम कर्मयोग और जीवन मूल्यों के प्रति समर्पण की भावना हर व्यक्ति के लिए प्रेरणास्रोत है। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे बक्सर के मोक्षदायिनी गंगा किनारे रामरेखा घाट पर श्रीराम कर्मभूमि न्यास एवं बक्सर संसदीय क्षेत्र की जनता द्वारा आयोजित प्रार्थना सभा को संबोधित कर रहे थे।
बड़ी संख्या में रामरेखा घाट पर जुटे लोग, दी श्रद्धांजलि
इसके पहले केंद्रीय मंत्री श्री चौबे एवं भारतीय जनता पार्टी के जिला के वरिष्ठ नेतागण सामाजिक, आध्यात्मिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोगों ने हीरा बा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मां-बेटे का रिश्ता अनमोल होता है। इसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। यह रिश्ता किसी भी पद-प्रतिष्ठा से परे होता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी और मां हीराबेन को जब भी हम लोग एक साथ देखते थे, तो यह भावना और प्रगाढ़ होती थी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री श्री चौबे अपनी मां को भी याद कर भावुक हो गए।
उन्होंने बताया कि 1995 का साल था, मुझे पहली बार टिकट मिला था। मां को हार्ट अटैक आया और वे गंभीर रूप से बीमार हो गईं। मैं अस्पताल गया, मां ने मुझे देखने के लिए आंखें खोली, आशीर्वाद दिया और देवलोक चली गईं। मां की कमी पूरी नहीं की जा सकती है। मैं एक तरफ उनका श्राद्ध कर्म कर रहा था तो दूसरी तरफ पार्टी द्वारा मिले दायित्व का निर्वहन भी। माँ का आशीर्वाद सुरक्षा कवच होता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी भारत माता के सपूत हैं। सभी माताओं का उन्हें आशीर्वाद है। काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से माँ हीराबा के अनमोल वचन हमेशा सभी को राह दिखाएगा। ईश्वर उन्हें मोक्ष प्रदान करें, इस ध्येय के साथ सभी ने गंगा में दीपदान किया। 2 मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।