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जनजातीय गौरव दिवस : पीएम ने किया बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन, कहा- भगवान बिरसा एक व्यक्ति नहीं एक परंपरा

रांची : बिहार से अलग होकर 15 नवंबर 2000 को स्वतंत्र राज्य के रुप में अस्तित्व में आया झारखंड अपना स्थापना दिवस मना रहा है। वहीं इस स्थापना दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा संग्रहालय का ऑनलाइन उद्घाटन किया।

जानकारी हो कि, हाल ही में मोदी सरकार ने घोषणा की थी कि बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा कि उन्होंने हमेशा जनजातीय समुदायों के अमूल्य योगदान, विशेष रूप से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा के बलिदान को रेखांकित किया है।

वाजपेयी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही आज के ही दिन झारखंड अस्तित्व में आया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर रांची में बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही आज के ही दिन झारखंड अस्तित्व में आया था। उन्होंने ही अलग जनजातीय मामलों का मंत्रालय बनाया था और जनजातीय हितों को राष्ट्र की नीतियों से जोड़ा था।

दस आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों के निर्माण को मंजूरी

प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा निभाई गई भूमिका का उल्लेख किया और बहादुर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को समर्पित संग्रहालयों के निर्माण की परिकल्पना रखी, ताकि देश की आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदानों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अब तक दस आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों के निर्माण को मंजूरी दी है। ये संग्रहालय विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को संजोकर रखेंगे।

पुराने केंद्रीय कारावास में बनाया गया है स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय

उन्होंने कहा कि ‘भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय’ झारखंड राज्य सरकार के सहयोग से रांची के पुराने केंद्रीय कारावास में बनाया गया है, जहां बिरसा मुंडा ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह राष्ट्र और जनजातीय समुदायों के लिए उनके बलिदान को श्रद्धांजलि होगी।

संग्रहालय में बिरसा मुंडा की 25 फीट की प्रतिमा

मोदी ने कहा कि यह संग्रहालय बिरसा मुंडा के साथ, शहीद बुधु भगत, सिद्धू-कान्हू, नीलांबर-पीतांबर, दिवा-किसुन, तेलंगा खड़िया, गया मुंडा, जात्रा भगत, पोटो एच, भगीरथ मांझी और गंगा नारायण सिंह जैसे विभिन्न आंदोलनों से जुड़े अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी जानकारी प्रदर्शित करेगा। संग्रहालय में बिरसा मुंडा की 25 फीट की प्रतिमा और क्षेत्र के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की नौ फीट की प्रतिमा मौजूद होंगी। स्मृति उद्यान को 25 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है और इसमें संगीतमय झरना, खान-पान परिसर, बाल उद्यान और अन्य मनोरंजन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

सदियों से वे भारत की आत्मा का हिस्सा

पीएम ने कहा कि हम सभी के लिए भगवान बिरसा एक व्यक्ति नहीं एक परंपरा हैं। सदियों से वे भारत की आत्मा का हिस्सा हैं। जिस समय हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ मानवता की आवाज बन रहे थे। लगभग उसी समय बिरसा मुंडा गुलामी के खिलाफ एक अध्याय लिख चुके थे।

इतिहास को संरक्षित करने में संग्रहालय की महत्वपूर्ण भूमिका

मोदी ने कहा कि जनजातीय संस्कृति एवं इतिहास को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में संग्रहालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह भी प्रदर्शित करेगा कि किस तरह आदिवासियों ने अपने जंगलों, भूमि अधिकारों, अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए संघर्ष किया और यह राष्ट्र निर्माण के लिए उनकी वीरता और बलिदान को भी प्रदर्शित करेगा।