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ट्रैफिकिंग से बच्चों की सुरक्षा सबसे जरूरी : सिसिएचटी

पटना : बच्चों के लिए बिहार सरकार ने जो कार्यक्रम बनाए हैं वह शत प्रतिशत लागू होने चाहिए। बच्चों की सुरक्षा व उनके अधिकार को लेकर बहुत सारी इकाइयां सक्रिय हैं। विभिन्न सामाजिक संगठन, सरकारी-गैर सरकारी संगठन और सिविल सोसाइटी के द्वारा भी बच्चों के लिए बहुत सारे अभियान और उपक्रम काम कर रहे हैं। बिहार सिसिएचटी के सदस्य वाईके गौतम ने ये बातें आज होटल चाणक्य में ह्यूमन ट्रेफिकिंग पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं।
कार्यक्रम में बाल अधिकार, मानव ट्रेफिकिंग, और पुनर्वास पर चर्चा हुई। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिसिएचटी के वाईके गौतम ने कहा कि जब तक बच्चों के अधिकार के लिए पूरा समाज आगे नहीं आएगा तब तक बच्चों का शोषण नहीं रुकेगा। बच्चे संवेदनशील होते हैं। उनका मन कोमल होता है। अतः उन्हें हर तरह की सुविधा मिलनी चाहिए। बच्चे देश के भविष्य हैं। लेकिन आज भी देश में गरीबी की वजह से लाखों बच्चों को अपनी पढ़ाई बीच मे ही छोड़नी पड़ती है। काम -धंधे करने पड़ते हैं। सही अर्थों में सरकार को विशेष तरह की योजनाएं और अभियान चलाना होगा। उनमें जागरूकता पैदा करके उनकी शिक्षा-दीक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार के पास पहले से ही बच्चों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं हैं।जरूरत है उन्हें मजबूती से लागू करना । गौतम ने बताया कि बिहार विभिन्न जिलों में बाल अधिकार के लिए बहुत सारी संस्थाएं काम कर रहीं हैं। लेकिन इनमें कुछ संस्थाएं जिनका इस क्षेत्र में बहुत अच्छा परफॉर्मेंस हो उसे ही शामिल किया जाए। ऐसी संस्थाओं के उन्होंने नाम भी बताए। जनजागरण कल्याण भारती (फारबिसगंज)। इस संस्था के अध्यक्ष और सिसिएचटी कन्वेनर संजय कुमार हैं और उन्होंने बाल अधिकार पर बहुत सारे कार्य किए हैं। पिछले कई वर्षों से संजय कुमार काम कर रहे हैं और उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यो की वजह से ही हज़ारो बच्चे आज अच्छी ज़िंदगी जी रहे हैं । उनकी शिक्षा स्वास्थ्य पर भी उन्होंने बहुत कार्य किया है। राहत(किशनगंज),पनाह(मुंगेर),बेरोजगार संघ(बेतिया) जैसे संस्थाओ की भी अच्छी पहचान बनी है । वाई के गौतम ने कहा कि बेसहारा बच्चों सहित वैसे तमाम बच्चों की मदद सिसिएचटी करेगा।उन्हें सोशली ,एकॉनॉमिकॉली मदद करेंगे और उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराएंगे। हर गांव में ए टी वी सी(एन्टी ट्रेफिकिंग विजिलेंस)की स्थापना कारवाई गई है। उसके माध्यम से प्रत्येक गांव में एक कमिटी भी बनी है। यह कमिटी गांव के हर फैमिली का डाटा रखेगी। उस परिवार में कितने बच्चे हैं इस पर नज़र रखी जयगी।परिवार नौकरी के लिए कहाँ जाता है। कब आता है। उन परीवारों की सारी गतिविधियों को सुक्ष्मता से अध्ययन किया जायेगा। यदि फैमिली बाहर जाकर काम करती है और उसकी लड़की या लड़के के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार होता है तो हम उसका रिपोर्ट सीधे सरकार को करेंगे।और सरकार के साथ मिलकर उसके लिए हर संभव मदद पहुंचाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यकर्मो के माध्यम से बच्चो से जुड़े हर समस्या, हर परेशानी, हर बात को हम लोगों तक पहुंचाएंगे और सरकार से उस पर सार्थक कदम उठाने के लिए बाध्य करेंगे। सरकार ही हमारी सबसे बड़ी पार्टनर है।सरकार के माध्यम से ही सारे काम होते हैं। इस कार्यक्रम में हर जिले के सीपीओ(चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर),बाल कल्याण समिति के अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस प्रोग्राम को सिसिएचटी, यूनिसेफ और बिहार सरकार ने मिलकर आयोजित किया है।
(मानस दुबे)