ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का मिलाजुला असर

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पटना/गया : ट्रेड यूनियनों के दो दिवसीय देशव्यापी बंदी का आज बिहार की राजधानी में मिलाजुला असर दिखा। दफ्तरों और प्रतिष्ठानों के कर्मचारी नारे लगाते नज़र आए। कुछ सरकारी दफ्तरों पर जहां ताला लटका नज़र आया, वहीं अन्य पर कामकाज सामान्य रहा। हालांकि बंद से किसी तरह के ट्रैफिक जाम या यातायात की समस्या नहीं हुई।
डाकबंगला चौराहे पर वाम संगठनों भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने भारत सरकार और बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भाकपा-माले पोलित ब्यूरो के सदस्य विनोद झा ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पूर्ण बहुमत वाली सरकार है। लेकिन श्रमिकों के खिलाफ लगातार कानून बना रही है। श्रमिकों के हितों का खयाल नहीं रखा जा रहा है। देशभर में 50 लाख से ज्यादा असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी हैं, उनको न्यूनतम मानदेय और मजदूरी तक नहीं मिल पा रही है। सरकार ने नई पेंशन स्कीम लाकर लाखों कर्मचारियों के भविष्य को अंधेरे में डाल दिया है। मोदी और नीतीश पर केस किया जाना चाहिए।
वहीं इनकम टैक्स विभाग के 1400 से ज्यादा कर्मचारी भी इस हड़ताल शामिल हो गए। इनकम टैक्स कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जागेश्वर साह ने बताया कि हड़ताल पर जाने का कारण हमारी कुछ मांगो की भारत सरकार द्वारा लगातार अनदेखी और उपेक्षा करना है। उन्होंने कहा कि मुख्य तौर पर हमारी दस मांगें हैं। उन्होंने कहा कि बुढ़ापे में पेंशन ही सबसे बड़ा सहारा होता है, लेकिन सरकार की नई पेंशन स्कीम के तहत वर्ष 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को पेंशन नहीं देना है। अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग को भी सरकार तबज़्ज़ो नहीं दे रही है। हमलोग अपने कर्मचारी जीवन में 5 प्रमोशन चाहते हैं। 7वे वेतन आयोग में 18 हज़ार को 26 हज़ार करने की भी मांग है। वहीं भारतीय मज़दूर संघ समेत कई संग़ठन इस हड़ताल से अलग रहे उसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल है।

गया में हड़ताल का दिखा असर

गया : गया में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का असर दिखा। कर्मचारी नेताओं का कहना था कि बैंकों की खस्ताहाल स्थिति के पीछे देश के बड़े पूंजीपतियों व कॉरपोरेट घरानों का हाथ है। बैंकों को बीमार घोषित कर उसे निजी हाथों में सौंपने की साजिश हो रही है। सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों को औने-पौने दाम पर निजी हाथों में सुपुर्द करने की साजिश जारी है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं का निजीकरण हो रहा है जिससे देश के मजदूर वर्ग सहित आम जनता का जीवन संकटग्रस्त हो गया है। समूचे गया जिले में हड़ताल से कामकाज पर असर पड़ा। पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारी नेता बलबंत ने बताया कि सरकार कि कर्मचारी विरोधी निति के विरोध में हड़ताल के दौरान बैंक की सभी शाखाओं में तालाबंदी की गयी। बैंक ऑफ़ बड़ोदा कर्मचारी संघ के शैलेश कुमार सिन्हा ने बताया कि जिले में बैंक की सभी शखाएं बंद रहीं। बिहार चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स के कौशलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि हड़ताल से व्यापारियों का बड़े पैमाने पर लेन-देन प्रभावित हुआ है।

swatva

मानस दुबे/पंकज सिन्हा

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