तो क्या कन्हैया को बिहार कांग्रेस के सर्वेसर्वा बनाने की हो रही तैयारी?
मैं 6 महीने पहले ही आलाकमान को बोल चुका हूं। मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका है, किसी नए को अध्यक्ष बनाया जाए। इसमें इस्तीफा की क्या बात है? कोई स्थायी नौकरी थोड़े है, जो हटाए जाएंगे। मेरा कार्यकाल पूरा हुआ तो किसी न किसी का अध्यक्ष बनना तय है। उक्त बातें बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद डॉ मदन मोहन झा ने कही।
मदन मोहन झा के इस्तीफे को लेकर यह बातें कही जा रही है कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं था। इसलिए उनसे इस्तीफा लिया गया। हालांकि, कांग्रेस के कुछ नेताओं की मानें तो, जबसे कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हुए हैं तभी से मदन मोहन झा को हटाने की तैयारी चल रही थी। कांग्रेस नेतृत्व को मौके की तलाश थी और मौक़ा मिला एमएलसी चुनाव के बाद।
भूमिहार को साधने के लिए कन्हैया पर दांव लगाने की तैयारी!
प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं की मानें तो एमएलसी चुनाव का परिणाम आने के बाद सूबे में एक सन्देश देने का प्रयास हो रहा है कि भूमिहार मतदाता अब राजद के तरफ रूख कर रहे हैं। ऐसे में बिखरते भूमिहार वोटरों को कांग्रेस में लाने के लिए कन्हैया कुमार को बिहार कांग्रेस की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा कन्हैया के मजबूत दावेदार होने को लेकर यह कहा जा रहा है कि दिल्ली में राहुल गाँधी एंड टीम और बिहार प्रभारी भक्तचरण दास एंड टीम की बीच बैठक हुई, जिसमें कन्हैया भी शामिल हुए थे। बहरहाल, भूमिहार वोटरों के बिखरने के दावों को हकीकत मानते हुए कांग्रेस कन्हैया कुमार को बिहार कांग्रेस की जिम्मेदारी दे सकती है। क्योंकि, पूर्व में भूमिहार मतदाता कांग्रेस के साथ हुआ करते थे, बाद में यह वर्ग भाजपा के साथ जुड़ी।
ये चेहरे रेस में आगे
मदन मोहन झा के इस्तीफे के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर समीर सिंह, प्रेम चंद मिश्रा, प्रतिमा कुमारी, राजेश राम, अनिल शर्मा, रंजीता रंजन और विजय शंकर दुबे का नाम चल रहा है। एक-दो दिनों में इसका औपचारिक एलान हो जाएगा।