सिवान : बिहार में सिवान के जीरादेई प्रखण्ड क्षेत्र के तीतिरा टोला बंगरा गांव में स्थित तीतिर स्तूप पर सम्राट अशोक क्लब द्वारा भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की गई। उसके बाद सम्राट अशोक पर परिचर्चा आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता क्लब के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र प्रकृति ने किया।जिला संयोजक सुरेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि विजयदशमी के दिन ही महान सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध 45 वर्ष की देशना काल मे 18 हजार प्रवचन व 84 हजार कथाएं कहे थे जिससे प्रभावित होकर सम्राट अशोक ने भी अपने 45 वर्षो के शासन काल मे 18 हजार स्तूप व 84 हजार लाट बनवाया था। शोधार्थी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि विदेशी बौद्ध रिसर्चरों ने इस स्थान पर अधिक चुम्बकीय शक्ति महसूस की है तथा बहुत कम समय में साधना का फल मिलने की बात वे बताते हैं। श्री सिंह ने बताया कि भगवान बुद्ध जिस—जिस स्थान पर रुके व देशना दिए वह स्थान आज भी जागृत है।
उन्होंने बताया कि यह जानने की आवश्यकता है कि शरीर व मन एक दूसरे से सतत प्रतिक्रिया करते रहते हैं, एक दूसरे को प्रभावित करते हैं, जिससे विधुत चुम्बकीय व जैव रासायनिक प्रतिक्रियाएं तथा तरंगे उत्पन्न होती हैं। वे तरंगें ब्रह्मांड की तरंगों के अनुरूप होती हैं। उन्होंने उदाहरण के साथ बताया कि मोबाइल फोन, टेलीविजन व रेडियो जैसे उपकरणों का उपयोग करने वाले आसानी से समझ सकते हैं कि किस तरह उनके ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एक खास फ्रिक्वेंसी पर कार्य करते हैं तथा उस विशेष कवरेज क्षेत्र से बाहर ले जाये जाने पर काम करना बंद कर देते हैं। कॉस्मिक तरंगों के लिए मानव शरीर व मन एक विशाल ट्रांसमीटर व रिसीवर है। जिन स्थानों पर बुद्ध ने ध्यान किया तथा वर्षो तक धम्म शिक्षा दी, वहाँ धम्म की तरंगें निश्चित होंगी। धम्म के मार्ग पर चलने वाला कोई भी साधक इन स्थानों पर इन तरंगों को अनुभव कर सकता है। श्री सिंह ने बताया कि धम्म की तरंगों से उनके मन ट्यून हो जाते हैं। इस मौके पर जिला कमिटी के महासचिव प्रभात कुमार सिंह, प्रह्लाद कुशवाहा ,नागेंद्र कुमार, वीरेंद्र चौहान, सुरेंद्र यादव, राधेश्याम कुशवाहा, सरोज, मीना, निर्मला, डॉ जवाहर पंडित, शिव जी पंडित, अंगद प्रसाद, माधव शर्मा, हरिशंकर चौहान सहित काफी संख्या में बौद्ध प्रेमी उपस्थित थे।