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क्लास बंक या प्रॉक्सी लगाकर मस्ती करने वालों पर लगेगा लगाम, अब हाईटेक तरीके से लगेगी हाजिरी

पटना : यदि आप कॉलेज में पढ़ते हो और आपकी आदत क्लास बंक करने की या फिर प्रॉक्सी अटेंडेंस बनवाने की है तो फिर आने वाले दिनों में आपको काफी दिक्कतों का सामना करना होगा। क्योंकि, अब बिहार सरकार कॉर्पोरेट जगत के कर्मचारियों की तरफ हूं कॉलेज में भी बायोमेट्रिक हाजिरी लगवाने पर विचार कर रहे है। ताकि कॉलेज यह सुनिश्चित कर सके कि कौन छात्र उसके पास हर रोज क्लास करने आ रहा है और कौन नहीं आ रहा है।

दरअसल, पिछले दिनों शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को अनिवार्य करने के बाद राज्य शिक्षा विभाग अगले साल राज के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों के लिए भी बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था शुरू करने की योजना बना रही है। विभाग विभाग के तरफ से इस आशय का प्रस्ताव कुलपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है।

छात्रों को उनकी उपस्थिति के आधार पर ही परीक्षा में बैठने की अनुमति

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने चांसलर सचिवालय को लिखे पत्र में कहा है कि बायोमेट्रिक छात्रों को पेश करने का निर्णय हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में कुलपतियों और शिक्षाविदों की बैठक में लिया गया था। चांसलर को भेजे गए अपने पत्र में लिखा है कि नई प्रणाली लागू होने के बाद छात्रों को उनकी उपस्थिति के आधार पर ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को छात्रों की उपस्थिति के अनुसार कक्षाओं के संचालन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है।

शिक्षा विभाग की तरफ से कॉलेजों के शिक्षकों और स्नातकोत्तर विभागों के प्रमुखों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को फिर से शुरू करने का भी प्रस्ताव दिया गया है शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति का कड़ाई से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालयों को एक महीने का समय दिया गया है। इस पत्र में लिखा गया कि सभी संस्थानों के पास पहले से ही उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक मशीनें हैं इसलिए उन्हें फिर से इस निर्णय को लागू करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।

बता दें कि, 2 साल पहले कोरोना महामारी के कारण बायोमेट्रिक हाजिरी की प्रणाली को बंद कर दिया गया था। लेकिन, अब स्थिति समान होने के बाद इसे फिर से शुरू करने की योजना बन रही है। उल्लेखनीय है कि, पटना विश्वविद्यालय द्वार 2015 में ही अपने अधिकारियों कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू करवाई गई थी। यह राज्य का पहला विश्वविद्यालय है जिसमें कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रस्तुति बायोमेट्रिक ढंग से की जाती है।