जब तक अतिक्रमणमुक्त नहीं होगा ज्ञानवापी तब तक होगा संघर्ष – हिन्दू जनजागृति समिति

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नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने काशी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसके बाद उनके बयान पर हिंदू जनजागृति समिति के तरफ से भी अपना विचार रखा गया है।

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे के तरफ से कहा गया है कि प्राचीनकाल से काशी मोक्षनगरी है, ऐसा हिन्दू धर्मशास्त्र में उसका वर्णन है। हिन्दू जीवनदर्शन उसके बिना अपूर्ण है। इसलिए इस पवित्र भूमि पर औरंगजेब जैसे क्रूर शासक द्वारा किए अत्याचार से अब हिन्दू मंदिरों को मुक्त करना आवश्यक है। उस दृष्टि से ज्ञानवापी में विराजमान अविमुक्तेश्वर को मुक्त करना प्रथम कर्तव्य है, ऐसी हिन्दू समाज की धारणा है।

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न्यायालयीन मार्ग से प्रयास

इसके साथ ही उनके द्वारा कहा गया कि हिन्दू समाज ने अयोध्या स्थित श्रीरामजन्मभूमि का संघर्ष भी संयमपूर्वक किया और विजय प्राप्त की है। ‘ज्ञानवापी’ के संबंध में भी न्यायालयीन मार्ग से प्रयास हो रहे हैं। इसलिए जब तक ज्ञानव्यापी अतिक्रमणमुक्त नहीं होती, तब तक हमारा संघर्ष चलता ही रहेगा।

रमेश शिंदे ने आगे कहा कि, अनेक विषयों पर संगठन अथवा नेताओं के मत अलग हो सकते हैं। विविध मतों का आदर करना ही हमारी संस्कृति है । मतभिन्नता का अर्थ विवाद नहीं है। इसलिए इस संबंध में 100 करोड हिन्दू समाज का ही नहीं, अपितु कुछ कार्यकर्ताओं का मत भी भिन्न हो सकता है।।लेकिन, ज्ञानवापी मस्जिद की सर्व वास्तविकता न्यायालय के सामने है। जिसके द्वारा वह हिन्दू मंदिर है, यह सिद्ध होगा, ऐसी हिन्दू समाज की श्रद्धा है।

उन्होंने कहा कि केवल प्राचीन काल में ही नहीं, अपितु आज भी बामियान की बुद्धमूर्ति हो अथवा तुर्किस्तान का ‘हागिया सोफिया चर्च’ हो, मुसलमानों की आक्रामक मानसिकता सर्वत्र दिखाई देती है । ऐसी स्थिति में मानवता और बंधुत्व के दृष्टिकोण से मुसलमान उनके पास हिन्दू मंदिरों का जो स्थान है, वह हिन्दुओं के नियंत्रण में नहीं देंगे । इसलिए हिन्दुओं को आंदोलन द्वारा और न्यायालयीन प्रक्रिया द्वारा यह संघर्ष करना ही पड़ेगा।इसकी तैयारी हिन्दू समाज ने प्रारंभ कर दी है ।

 

 

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