पटना : किसान संगठनों ने कृषि बिल के विरोध में कल मंगलवार 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है जिसका विपक्ष ने पूरी तरह समर्थन किया है। वहीं किसानों के आंदोलन के बहाने अब राजनीति भी तेज हो गई है। इसी कड़ी में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किसान बिल के विरोध में होन वाले भारत बंद को लेकर कहा कि देश के कुछ राज्यों के किसानों को छोड़कर पूरे देश के किसान इस कानून का फायदा समझ रहे हैं इसलिए इसका विरोध नहीं कर रहे हैं।
दरसअल उन्होंने कहा कि पंजाब-हरियाणा के किसानों को छोड कर लगभग पूरे देश के किसान तीन नये कृषि कानून से होने वाले फायदे समझ रहे हैं, इसीलिए दिल्ली से बाहर बिहार सहित किसी भी राज्य में असली अन्नदाता आंदोलन में नहीं, बल्कि खेत-खलिहान में दिखा।
इसके आगे उन्होंने कहा कि कई राज्यों में किसान मंडी से बाहर फसल बेचकर करोडों रुपये कमा चुके हैं, लेकिन संसद से नगर निगम तक के चुनावों में भाजपा की विजय से हताश सारी ताकतें दिल्ली के किसान आंदोलन की ओट में अपनी हुडदंगी ताकत का प्रदर्शन करने पर तुल गई हैं।
भारत बंद अनावश्यक जब सरकार बात करने को तैयार
उन्होंने भारत बंद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि जब कई दौर की बातचीत में केंद्र सरकार कृषि कानून में कई महत्वपूर्ण संशोधन करने पर सहमत होकर नरम रुख अपना रही है और 09 दिसंबर को दोनों पक्ष फिर बातचीत करने वाले हैं, तब कल 8 दिसंबर का बंद न केवल अनावश्यक, असंगत बल्कि देश को अराजकता की ओर ले जाने की मंशा से प्रेरित है।
जो कानून लंबी चर्चा के बाद संसद से पारित विधेयक सेअस्तित्व में आये, उन्हें सीधे रद करने की जिद पर अड़ना भारत की जनता, संसद और लोकतंत्र का अपमान है। राहुल गांधी, ममता बनर्जी, केजरीवाल और लालू प्रसाद की पार्टियां अगर इस कृत्य का समर्थन कर रही हैं, तो देश उन्हें माफ नहीं करेगा।