मजदूर विरोधी सरकार के खिलाफ नवंबर में होगा देशव्यापी आंदोलन- भारतीय मजदूर संघ
भारतीय ग्रामीण डाक कर्मचारी संघ का पांचवा द्विवार्षिक अधिवेशन सम्पन्न
निरंकुश कार्यप्रणाली का त्याग करें विभागीय अधिकारी
लखीसराय : जिले के अशोक धाम स्थित एक निजी सभा कक्ष में भारतीय ग्रामीण डाक कर्मचारी संघ का पांचवा द्विवार्षिक अधिवेशन 28 अगस्त रविवार को संपन्न हुआ।
पूर्व मंडलीय सचिव कार्यानंद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संयोजक द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इसके बाद सदस्यों की समस्याओं पर विचार किया गया और अगले सत्र के लिए संघ के पदाधिकारियों का निर्वाचन हुआ।
बैठक में उपस्थित ग्रामीण डाक सेवकों ने पेंशन, चिल्ड्रन एजुकेशन भुगतान, ऑफिस स्टैंडर्ड भुगतान, आईपीपीबी के कार्यों को जीडीएस के कार्यों में सम्मिलित कर उचित वेतनमान, इंश्योरेंस से संबंधित भुगतान, कंबाइन ड्यूटी से संबंधित विभिन्न समस्याओं एवं विभागीय अधिकारियों के निरंकुश कार्यप्रणाली समेत अन्य प्रकार की समस्याओं से संघ के पदाधिकारियों को अवगत कराया गया।
इस मौके पर सर्कल सचिव धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि हमारे संगठन का मांग है कि ऑफिस सेटिंग को बंद किया जाए और जब तक आइपीपीबी के काम को जीडीएस के कामों से जोड़ा नहीं जाता है, तब तक हम लोग इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन को ईमानदार और निष्पक्ष होकर काम करना होगा। इसके साथ ही सचिव धर्मेंद्र ने जीडीएस सहयोग सोसायटी बनाने की बात कही।
भारत मजदूर संघ बिहार प्रदेश के मंत्री अशोक कुमार ने कहा कि सत्ता और ब्योरोक्रेसी (मैनेजमेंट) हमेशा शोषक होता है इसलिए सरकार की नीति के खिलाफ उन्होंने उपस्थित ग्रामीण डाक सेवकों से आगामी 17 नवंबर को केंद्र के निजीकरण और निगमीकरण के खिलाफ विरोध में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र मजदूर विरोधी सरकार है और इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन होगा।
कार्यक्रम के समापन से पूर्व अगले 2 वर्ष के लिए मंडल के अधिकारियों का निर्वाचन सर्वसम्मति से किया गया। मंडलीय अध्यक्ष के लिए संदीप कुमार भास्कर एवं मंडलीय सचिव के रूप में अनुराग कुमार को निर्वाचन हुआ।