पटना : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में योग संकाय एवं योग विभाग के द्वारा गुरु पुर्णिमा के पावन पर्व पर 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय व्यास महोत्सव का शुभारंभ किया गया। जो 24 जुलाई 2021 से प्रारम्भ होकर 26 जुलाई 2021 तक चलेगा। यह व्याख्यान प्रतिदिन संध्या 4 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक चलेगा।
वहीं इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि आचार्य अविनाश चन्द्र पाण्डेय, ने गुरु की महिमा को बताते हुये कहा कि पृथ्वी में कोई ऐसा धन नहीं जो गुरु की कीमत अदा कर सके । साथ ही उन्होंने आस्तिक एवं नास्तिक के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा उन्होंने नई शिक्षा नीति स्थानीय भाषा से जोड़ते हुये योग पर प्रकाश डाला।
विद्या सिद्धि के पहले ईश्वर, गुरु, माता पिता के प्रति आदर
वहीं विशिष्ट अतिथि आचार्य जटा शंकर ने दार्शनिक शब्दों में गुरु की महत्ता को बताया। प्राच्य एवं पाश्चात्य की बात कही। उन्होंने सुकरात एवं सुकरात के शिष्य प्लेटो के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि विद्या सिद्धि के पहले ईश्वर, गुरु, माता पिता के प्रति आदर करना चाहिए।
वहीं तृतीय वक्ता अतिथि आचार्य कृष्ण कान्त शर्मा ने गुरु शब्द की महत्ता को बताते हुये कहा कि गुरु ज्ञान से अंधकार रूपी अज्ञानता दूर हो जाता है। गुरु ज्ञान रूपी जल के द्वारा शिष्य का हृदय रूपी ज्ञान का सिंचित करता है अर्थात अंधकार रूपी अज्ञान को दूर करता है।
उन्होंने सत्तोलाजी को बहुत ही विस्तार से बताया कि इसका उदय हमारी सनातन धर्म परंपरा से हुआ है। आपने सम्पूर्ण विश्व को चलाने वाली सत्ता का रहस्य हमारे वेदए पुराणए उपनिषदए गीता एवं अनेक सद ग्रन्थों मे निहित है। आपने गुरु शिष्य के संबंधो को बताया। गुरु एवं व्यास की महत्ता को बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि श्रेष्ठ गुरु हमारे मिथ्या ज्ञान को नष्ट कर देते है।