‘स्वर की देवी’ के निधन से पूरा देश मर्माहत, राष्ट्रपति, पीएम समेत मनोरंजन जगत दुखी
पटना : स्वर कोकिला से मशहूर जानी-मानी गायिका लता मंगेशकर का रविवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। लता मंगेशकर को इसी साल जनवरी में कोविड संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। जिसके बाद स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण हफ़्तों से आईसीयू में थीं।
इनके निधन पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि एक कलाकार का जन्म लेकिन सदियों में एक बार, लता-दीदी एक असाधारण इंसान थीं, जो गर्मजोशी से भरी हुई थीं, जैसा कि मैं उनसे जब भी मिलती थी। दिव्य आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई है लेकिन उसकी धुन अमर रहेगी, अनंत काल तक गूंजती रहेगी। उनके परिवार और हर जगह प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
लता जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक
लता जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक है, जैसा कि दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में, भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करते हुए, पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई। भारत रत्न, लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।
इनके निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता दी के साथ कई तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, ‘दयालु और सबका ध्यान रखने वाली लता दीदी हमें छोड़ गई हैं। वह हमारे देश में ऐसी शून्यता छोड़ गई हैं जो कभी भर नहीं सकेगी।’
वहीं, इनके निधन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जताते हुए लिखा है, ”देश की शान और संगीत जगत की शिरमोर (सिरमौर) स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन बहुत ही दुखद है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थीं।”
इसके साथ ही शिवसेना के प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत ने लिखा, ‘तेरे बिना भी क्या जीना…’। जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि लता मंगेशकर जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त किया। वह कई दशकों तक भारत की सबसे प्रिय आवाज बनी रहीं। उनकी सुनहरी आवाज अमर है और उनके प्रशंसकों के दिलों में गूंजती रहेगी। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
बता दें कि, 92 साल की लता जी ने 36 भाषाओं में 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। इनको भारत सरकार द्वारा कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं।