भारत को गुलामी से मुक्त कराने में संतो की भूमिका अहम

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पटना : बिहार विधान परिषद सभागार में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक व सामाजिक चिंतक सूबेदार सिंह की पुस्तक “भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरक स्वामी दयानंद” का लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद मौजूद रहे। वहीं इसके साथ ही बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह भी मौजूद रहें।

वहीं इस समारोह के मुख्य अतिथि सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा इस सृष्टि के आदि से लेकर वर्तमान काल तक भारतीय चिंतकों का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेद को ज्ञान का मूल आधार मानकर समाज को जागृत करने का जो प्रयास किया उसके परिणाम स्वरूप स्वतंत्रता प्राप्ति के सामाजिक वातावरण बने।

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इसके साथ ही बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा की भारत को गुलामी से मुक्त कराने में भारत के संतो की महत्वपूर्ण भूमिका थी संतो ने लोगों को स्व धर्म व स्वराज्य के लिए जागृत किया उसी परंपरा में स्वामी दयानंद सरस्वती का नाम प्रमुखता से आता है।

आर्य समाज का स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत बड़ी भूमिका

उन्होंने कहा स्वामी स्वामी दयानंद सरस्वती ने ज्ञान का मूल आधार वेद को माना वैदिक ज्ञान को सामने रखकर उन्होंने चुनौतियों के समाधान के लिए जो अभियान चलाया उससे भारतीयों की चेतना जागृत हुई आर्य समाज का स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत बड़ी भूमिका रही है।

 वहीं पुस्तक के लेखक सूबेदार सिंह ने कहा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने स्पष्ट कहा है कि मुझे स्वराज की कल्पना स्वामी दयानंद सरस्वती की पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश पढ़ने से प्राप्त हुई समारोह को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा की भारतीय इतिहास केकई महत्वपूर्ण तथ्य सामने लाए जाने बाकी है।

इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य राजेंद्र गुप्ता साध्वी लक्ष्मी जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय शाह प्रचारक प्रमुख अरुण जैन ने भी विचार व्यक्त किए इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भारत के इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया इतिहास इस त्रुटि से मुक्त करना आवश्यक है कार्यक्रम का संचालन मिथिलेश कुमार सिंह ने किया।

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