गठबंधन को लेकर छलका JDU अध्यक्ष ललन का दर्द, कहा- बदल गई BJP की कार्यशैली

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पटना : एनडीए घटक दलों में फिलहाल शायद सब कुछ ठीक – ठाक चल रहा है। लेकिन इसके बावजूद हर रोज कहीं न कहीं से इस बात की चर्चा होती हुई जरूर नजर आती है कि क्या भाजपा और जदयू के बीच सही में सबकुछ ठीक या यह बनावटी है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि अब भाजपा और जदयू के बीच पहले वाली गर्मजोशी नहीं है। वहीं, अब इसी चीज को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने दिल के दर्द को बयां किया है।

जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि वर्तमान की भाजपा अटल और अरूण जेटली, आडवाणी वाली भाजपा से अलग है। भाजपा की वर्तमान की कार्यशैली और गठबंधन धर्म निभाने का तरीका उस जमाने के तरीकों जैसा नहीं दिखता है।

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ललन सिंह ने गठबंधन पर चर्चा करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश इसका उदाहरण है। जिस तरीके से हमारे साथ में से 6 विधायकों को भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में शामिल करा लिया इसके बाद कहने को क्या रह जाता है ?

आगामी बजट सत्र में जदयू द्वारा उठेगा यह मांग

दरअसल, एक दैनिक समाचार पत्र को दिए गए अपने साक्षात्कार में विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर ललन सिंह ने कहा कि यह हमारी पुरानी मांग है और हम यह मांग पुरा होने के बाद ही छोड़ने वाले हैं। उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि जेडीयू द्वारा आगामी बजट सत्र में इस मांग को सदन में रखा जाएगा। ललन सिंह का कहना है कि यदि हमारी मांग गलत है तो अभी तक केंद्र सरकार के किसी भी सक्षम चेहरे द्वारा से खारिज क्यों नहीं किया गया? उनका कहना कि हम इसका मतलब खूब समझ रहे हैं और यही वजह है कि हम विशेष राज्य की मांग को लेकर लगातार बने हुए हैं।

भाजपा जो चाहे यह फैसला ले सकती है

इसके अलावा ललन सिंह द्वारा जब यह सवाल किया गया कि यदि अपनी मांगों के बावजूद केंद्र सरकार विशेष राज्य का दर्जा नहीं देता है तो जदयू के लिए आगे की सोच क्या होगा, तो उन्होंने कहा कि आज भाजपा केंद्र में अकेले अपने बलबूते सरकार बनाई हुई है इसलिए वो जो चाहे वह फैसला कर सकती है। ललन सिंह का कहना है कि विशेष राज्य का दर्जा देना या ना देना केंद्र के हाथों में है, लेकिन हम अपनी मांगों से हटने वाले नहीं हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि इसे नकार दिया जाता है तो फिर जदयू आगे की रणनीति पर विचार करेगा फिलहाल इस मांग को लेकर केंद्र के किसी बड़े चेहरे के तरफ नकारा नहीं गाया है।

एक साथ मिलकर उठाएंगे यह मांग

इतना ही नहीं उन्होंने अपने इस साक्षात्कार में यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार इस मांग को ठुकरा देती है तो इस मांग को जदयू सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर उठाएगी। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना का मामला हो या फिर विशेष राज्य का दर्जा इसकी मांग को लेकर हमारी सोच और राजद की सोच एक हो सकती है लेकिन लोगों द्वारा यह कयास नहीं लगाना चाहिए कि इसको लेकर हमारी फिर से कोई दोस्ती होने वाली है।

वहीं, उन्होंने राजद को लेकर यह भी कहा कि विशेष राज्य की दर्जे को लेकर राजद को बोलने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद के मदद से जब केंद्र में यूपीए टू की सरकार की थी। तभी रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट सामने आई थी। इसके बावजूद लालू प्रसाद क्यों नहीं राज्य को विशेष दर्जा दिलवा पाए?

 

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