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बक्सर में स्थापित होगी श्रीराम की सबसे भव्य मूर्ति, रूपरेखा तैयार

पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि विश्व में मौजूदा समय में जितने भी भगवान श्री राम की श्रेष्ठतम मूर्ति है, उसमें से एक पराक्रमी भगवान राम का रूप दिखाते हुए श्रेष्ठतम मूर्ति बक्सर में स्थापित होगी। अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन एवं पर्यटन केंद्र के रूप में भगवान श्री राम की प्रशिक्षण एवं पराक्रम स्थली बक्सर को विशेष स्थान दिलाया जाएगा। इसकी रूपरेखा पर प्रारंभिक स्तर पर विचार-विमर्श का दौर शुरू हो गया है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित श्रीराम कर्मभूमि सिद्धाश्रम चेतना मंच की संरचना की गई है। इसमें देश भर के साधु-संतों को मार्गदर्शक मंडल में आमंत्रित किया जाएगा।

अश्विनी चौबे ने इसकी घोषणा प्रसिद्ध पंचकोशी परिक्रमा यात्रा के शुभारंभ के अवसर पर की। इसका शुभारंभ उन्होंने वर्चुअल माध्यम से किया। जानकारी हो कि यह यात्रा जो मेला का रूप ले लेता है। त्रेतायुग से तब प्रारंभ हुआ जब महर्षि विश्वामित्र अयोध्या से श्री राम व लक्ष्मण जी को लाए और उनके द्वारा इस बक्सर जिले को ताड़का राक्षसी व मारीच, सुबाहु के आतंक से सिद्धाश्रम को मुक्त कराया।

इसी दौरान भगवान श्रीराम व लक्ष्मण जी ने साधु संतो के मंडली साथ परिक्रमा किए। इस दौरान भक्तों ने पकवान आदि से उनका स्वागत किया था। कार्यक्रम का आयोजन सिद्धाश्रम व्याघ्रसर पंचकोशी परिक्रमा समिति द्वारा किया गया। साधु संतों के मार्गदर्शन में श्री राम रेखा घाट पर मां गंगा की आरती एवं जयघोष के साथ पंचकोशी परिक्रमा यात्रा का शुभारंभ हुआ।

श्रेष्ठतम मूर्ति बनेगी, अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अध्ययन केंद्र एवं विशाल यज्ञ मंडप होगा

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने वर्चुअल माध्यम से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अक्षय नवमी के अवसर पर सपरिवार एवं बंधु बांधव के साथ संकल्प लिया था कि बक्सर भगवान श्री राम की प्रशिक्षण स्थली एवं पराक्रम की भूमि रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बक्सर को पहचान दिलाया जाएगा। इस शहर को रामायण सर्किट से पहले ही शामिल कर लिया गया है। कोरोना काल से पहले बड़ी संख्या में रामायण ट्रेन से दक्षिण भारत से भी लोग यहां भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों को देखने एवं दर्शन को आए थे। राक्षसों का वध करते हुए भगवान श्री राम जिनके हाथ में धनुष बाण होगा, इस परिकल्पना के साथ विश्व की श्रेष्ठतम मूर्ति मां गंगा के सामने स्थापित की जाएगी।

इसके साथ दूसरा संकल्प यह है कि यहां पर विशाल यज्ञ मंडप का निर्माण होगा, जिसमें 24 घंटे हवन एवं अग्नि प्रज्वलित होती रहेगी। सतयुग के समय से ही यहां पर ऋषि मुनि तपस्या यज्ञ आदि करते थे।

उन्होंने तीसरा संकल्प बताते हुए कहा कि भगवान श्री राम के बाल्यकाल से लेकर उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को झांकी में पिरो कर दुनिया का कलात्मक म्यूजियम तैयार किया जाएगा, जो एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र के रूप में जाना जाएगा इसकी भी परिकल्पना की गई है। जिसे सभी के सहयोग व भगवान के आशीर्वाद से संकल्प से सिद्धि की ओर ले जाया जाएगा।

राज्य मेला प्राधिकरण में किया जाएगा शामिल

इस मौके पर अश्विनी चौबे ने कहा कि पंचकोशी परिक्रमा यात्रा को बिहार मेला प्राधिकरण में शामिल करवाया जाएगा। ताकि मेला के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध हो सके। इस अवसर पर प्रस्तावित श्रीराम कर्मभूमि सिद्धाश्रम चेतना रथ का भी उन्होंने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पंचकोशी यात्रा के दौरान इसके माध्यम से सेमिनार एवं जागरूकता अभियान आदि का आयोजन किया जाएगा।

श्रीराम से जुड़े स्थलों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। चौबे ने कहां की प्रस्तावित श्री राम कर्मभूमि सिद्धाश्रम चेतना को श्री राम जन्म भूमि न्यास के तर्ज पर गठन भविष्य में किया जाएगा। इसमें देशभर के साधु-संतों, समाजिक कार्यकर्ताओं, आध्यात्मिक जगत से जुड़े हुए विद्वान गणों को आमंत्रित किया जाएगा।