नयी दिल्ली : मद्रास हाई कोर्ट ने अपने यहां दायर एक याचिका को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस देकर आयकर की सीमा को लेकर जवाब मांगा है। मद्रास हाईकोर्ट में दायर याचिका में एक शख्स ने सवाल किया है कि जब आठ लाख रुपए से कम आय वाले लोग ईडब्लूएस में हैं तो ढाई लाख रुपए से ज्यादा आय वाले लोगों को आयकर क्यों देना चाहिए।
मद्रास हाई कोर्ट ने इसी याचिका के आलोक में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय, वित्त कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय को इस संबंध में कोर्ट ने नोटिस प्रेषित कर दिया है। यह याचिका डीएमके से जुड़े एक शख्स ने दायर की है। याचिका में उसने सुप्रीम कोर्ट के ईडब्ल्यूएस पर हाल के आदेश को आधार बनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्लूएस के लिए 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था को सही ठहराया। इसी आधार पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दी कि 8 लाख से कम सालाना आय वाले गरीब हैं तो फिर आयकर 2.5 लाख के बाद ही क्यों।
उसने इसी आधार पर यह भी दावा किया कि वर्तमान आयकर अधिनियम अनुसूची सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ है क्योंकि इससे आर्थिक रूप से गरीब नागरिक से कर एकत्र होगा और वे उच्च समुदाय के लोगों के साथ स्थिति या शिक्षा या आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के ईडब्लूएस आरक्षण के फैसले को सही बताया है।