मोकामा में NDA और महागठबंधन का जमीनी ‘फ्लोर टेस्ट’! कौन लड़ेगा उपचुनाव?

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पटना : बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद अब नीतीश-तेजस्वी के सामने सबसे बड़ी चुनौती आगामी दिनों में होने वाले मोकामा विधानसभा के उपचुनाव हैं। क्योंकि कहा जाता है कि यह वही इलाका है जो बिहार की सत्ता और कुर्सी पर कौन काबिज होगा, यह तय करता है, दूसरी तरफ भाजपा ने विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर यह साफ संदेश दिया है कि वह ‘ मुंगेर और मोकामा’ दोनों में महागठबंधन की राह को कठिन कर देगी।

वैसे तो इस क्षेत्र में सवर्ण समाज का बोलवाला है, इसलिए कोई भी राजनीतिक दल यहां काफी सोच समझ कर अपने कदम रखती है,और सवर्ण समाज से आने वाले ने चेहरे को ही आगे करती है। लेकिन, इस बार इस नई सरकार के लिए समस्या यह होगी कि इस सीट पर चुनाव आखिर कौन लड़ेगा ? जदयू और राजद कैसे आपसी समझौता कर इस पर विजय प्राप्त कर सकेंगे।

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महागठबंधन के सामने बड़ी समस्या, कैसे हो कब्जा

अगर मोकामा विधानसभा के पिछले चुनाव की बात करें तो यहां से लगातार पांच बार से अनंत सिंह चुनाव जीतते आ रहे हैं। फिलहाल पिछले चुनाव में राजद के टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन सजायाफ्ता होने के बाद इनकी विधायक की चली गई है।अनंत सिंह कभी भी एक पार्टी के नेता बन कर नहीं रहे – जदयू, राजद और कांग्रेस सब जगह घूम फिर चुके हैं। मगर जेल में बंद होने के बाद भी इलाके में इनका दबदबा बरकार है। ऐसे में सत्तारूढ़ महागठबंधन के सामने बड़ी समस्या यह है कि आखिर इस सीट पर कब्जा कैसे किया जाए। क्या राजद के टिकट पर किसी अनंत करीबी को लड़ाया जाए या फिर ललन सिंह के किसी पसंदीदा को जेडीयू टिकट पर।

कल तक साथ रहने वाले आज अलग

इधर, इलाके की सियासी हलचल की बात करें तो मोकामा उपचुनाव में बिहार के नए सियासी गठबंधन का असर दिख सकता है। इलाके का हाल यह है कि कल तक एक दूसरे के साथ मिलकर रहने वाले दोस्त भी एनडीए और महागठबंधन में से अपने-अपने पसंदीदा गठबंधन का चयन करने लगे हैं। ऐसे में इस बार मोकामा विधानसभा का चुनाव आसान नहीं है। क्योंकि राजद और जदयू के सामने भाजपा और लोजपा जैसी बड़ी पार्टियों की दमदार चुनौती होगी।

ये होंगे मोकामा महागठबंधन के चेहरे

मोकामा सीट के लिए महागठबंधन में सिर्फ तीन ऐसे चेहरे नजर आ रहे हैं जो टिकट मिलने पर जदयू – राजद के संयुक्त प्रत्याशी हो सकते हैं। इसमें सबसे पहला नाम जदयू एमएलसी नीरज कुमार का है, तो वहीं दूसरे उम्मीदवार के रूप में राजद नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी का है। वहीं तीसरे उम्मीदवार के रूप में नलिनी रंजन शर्मा उर्फ ललन सिंह सामने नजर आ रहे हैं।

मोकामा विधानसभा क्षेत्र की बेहतर समझ

सबसे पहले बात करें एमएलसी नीरज कुमार की तो वे कई बार से विधानपार्षद हैं और जनता से इनका संपर्क बना हुआ रहता है।इसके अलावा नीरज मोकामा स्थानीय निवासी भी हैं तथा मोकामा विधानसभा क्षेत्र की हर गतिविधी पर इनकी नजर रहती है। वे इससे पहले नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं। ऐसे में अब जदयू की तरफ से इनके नाम की चर्चा सबसे अधिक है।

राजद से नीलम का नाम

वहीं यदि यह सीट राजद के कब्जे में जाती है तो राजद के तरफ से नीलम देवी को अपना उम्मीदवार बनाया जा सकता है क्योंकि नीलम मोकामा के निवर्तमान राजद विधायक अनंत कुमार सिंह की धर्मपत्नी है। इसके साथ ही यह राजद की सिटिंग सीट है, इसलिए राजद भरपुर प्रयास करेगी की यह सीट उसी के पास रहे। ऐसे में अगर राजद मोकामा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेगा तो इसकी एकमात्र उम्मीदवार नीलम देवी ही होंगी।

इनके नाम की भी चर्चा तेज

वहीं, तीसरा उम्मीदवार की बात करें तो राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का नाम चर्चा में है। इनके पास कई चुनावों का अनुभव है और क्षेत्र में ग्रामीण और अन्य इलाके में जनता के बीच किन्हीं भी कारण से हो लेकिन इनका लगातार आना जाना लगा हुआ रहता है और अपने समर्थकों सहित जनता के बीच इनका संवाद होते रहता है। इनका खुद भी कहना है कि जदयू या सत्ताधारी पार्टी के टिकट मिलने पर ही चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन इनका यह भी कहना हैं कि यह निर्दलीय या किसी छोटी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में नहीं होंगे।

बहरहाल, इन सारी बातों पर बारीकी से देखा जाए तो यही कहा जा सकता है कि इस बार मोकामा विधानसभा के उप चुनाव में सत्तारूढ़ दल के बीच भी टिकट बंटवारे को लेकर आपसी मनमुटाव हो सकता है क्योंकि इससे एक फर्स्ट में खुशी तो दूसरे पक्ष में नाराजगी हो सकती है हालांकि ऐसा भी हो कि दोनों आपसे समझौते के तहत यह बात सार्वजनिक नहीं करें लेकिन इतना तो जरूर है कि इस क्षेत्र में एक बार फिर से महा मुकाबला देखने को मिलेगा।

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