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चुनाव आयोग की दो टूक: चूक हुई, तो नहीं बख्शे जाएंगे उच्च अधिकारी

पटना: बिहार चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में तीन दिवसीय दौरे पर समीक्षा करने पहुँची चुनाव आयोग की टीम ने आज प्रेसवार्ता कर चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग पर कहीं भी किसी प्रकार का कोई रोक नहीं है। लेकिन, राजनीतिक पार्टी इन बातों का ध्यान रखें कि इससे किसी प्रकार का सामाजिक विध्वंश पैदा ना हो।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि 2015 में पोलिंग सेशन की संख्या 65,333 थी जो अब बढ़कर 1,06,526 हो गई है। 2015 में 6.7 करोड़ वोटर थे वहीं इस बार वोटरों की संख्या बढ़कर 7.29 करोड़ हो गई है। इस बार कुल पुरुष वोटर 3.85 करोड़ और महिला वोटर 3.4 करोड़ हैं। 80 साल या उससे अधिक उम्र के मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट उपलब्ध कराये जायेंगे। मतदाता अगर इच्छुक हों मतदान केंद्र पर आने के लिए तो ठीक है अन्यथा आयोग की टीम उनके घर पर जाकर मतदान करवाएगी।

सवाल-जवाब के दौरान सुनील अरोड़ा ने कहा कि अगर हमारे पास कोई सोशल मीडिया के कम्युनल वायलेंस और कास्ट वायलेंस बढ़ाने की खबर आती है तो हम कठोरतम कार्रवाई करेंगे। सिर्फ वर्चुअल कैंपेन नहीं होगा। हर जिला में ग्राउंड और हॉल कितने हैं, ये लिस्ट है। अब सीइओ ये तय करेंगे कि कैसे सोशल डिस्टेंसिंग रहे।

वहीं चुनाव आयुक्त से जब यह सवाल किया गया कि बिहार के कई मुख्य अधिकारी सालों से बिहार में मुख्य पदों पर हैं चाहे वो मुख्य सचिव हो या गृह सचिव हों, लेकिन इनका तबादला नहीं किया गया। ऐसे में निष्पक्ष चुनाव की क्या गारन्टी? इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि गारन्टी तो आजकल माता-पिता अपने बच्चों की भी नहीं ले पाते. बच्चे बड़े होते हैं तो कौन लेता है गारन्टी? हम क्या कहें? लेकिन, जरुरत पड़ने पर किसी को भी हटा सकते हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव में हमने ऐसा किया है।

उन्होंने कहा कि कई राजनीतिक दलों ने आग्रह किया कि मतदाताओं को सामाजिक दूरी की जानकारी दी जाए, पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बलों की मांग भी की है, बाढ़ग्रस्त इलाकों में बूथ की संख्या बढ़ाने की मांग की जो मुमकिन नहीं है। कुछ राजनीतिक दलों द्वारा यह सवाल किया गया कि कोरोना के मद्देनजर चुनाव अभियान की इजाजत होगी या नहीं इसके साथ ही कुछ राजनीतिक दलों द्वारा यह मांग किया गया कि ऐसे चिन्हित स्थानों की सूची जारी की जाय जहां रैली आयोजित की जा सके। साथ ही मतदाताओं की सूची फिजिकल फॉर्म उपलब्ध करवाया जाय।