पटना: राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना में छूटे हुए लाभुकों को अब पूरी जांच पड़ताल के बाद ही आवास निर्माण का पैसा दिया जाएगा। इस योजना से पिछले 5 वित्तीय वर्ष में छूटे हुए 32 लाख लाभुकों के नाम सामने आए हैं। अभी इनका सत्यापन का कार्य चल रहा है।
ग्रामीण विकास विभाग लाभुकों की सत्यापन कार्य चला रहा है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले 5 साल में अलग-अलग वितीय वर्ष के छूटे हुए लाभुक परिवारों के नाम आवास ऐप पर लोड किए गए हैं। इसी ऐप पर लोड किए गए लाखों लाभुकों का सत्यापन किया जा रहा है।
दरअसल, सत्यापन कार्य के साथ सभी लाभुकों का सर्वे किया जा रहा है कि वे पात्र लाभुक हैं कि नहीं। यानी आवास योजना का लाभ दिए जाने वाले पात्र परिवारों के पैमाने पर खरे उतरते हैं कि नहीं। असली और फर्जी लाभुकों को पहचान के बाद गलत नामों को सूची में से हटाया जाएगा।
केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक रिपोर्ट भी मांगी है। रिपोर्ट को इसी माह भेजना है। आवास प्लस ऐप पर सभी लाभुकों के नाम दर्ज हैं। उनकी आधार सीडिंग भी हो गई है। लेकिन उसका सर्वे कराकर पता लगाया जा रहा है। सर्वे कार्य में जहां नये लाभुक जोड़े जाएंगे, वही पुराने अपात्र परिवारों को हटाया भी जाएगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सरकार का प्रयास है कि वास्तविक लाभुकों का योजना का पहुंच सके।
सारे नामों का सत्यापन होने के बाद उसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उसके बाद ही उन्हें आवास निर्माण का पैसा दिया जा सकेगा। माना जा रहा है कि सत्यापन के बाद अगले माह ही बड़ी संख्या में वास्तविक लाभुकों को आवास बनाने का पहली किस्त का पैसा मिलेगा।