तेजप्रताप ने बंद से खुद को रखा दूर, तेजस्वी की चमक से जलन?

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पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप ने 21 दिसंबंर को राजद द्वारा आहूत बंद से खुद को बिल्कुल अलग रखा। सुबह जैसे ही राजद कार्यालय में सीनियर लीडर पहुंचे, वैसे ही तेजप्रताप को मोबाईल पर सूचना दी गई। कुछ कॉल तो उन्होंने रिसीव किया तथा कुछ को इग्नोर करते हुए बंद के सीन से पूरी तरह गायब रहे। जानकारी मिली कि तेजप्रताप अपने सरकारी आवास पर दिनभर आराम फरमाते रहे और अपने कुछ खास लोगों से बंदी की जानकारी लेते रहे। दोपहर में उन्होंने अपने मोबाईल को बंद भी कर दिया।

ऐश्वर्या—राबड़ी विवाद ने बिगाड़ी छवि

राजद के कुछ नेताओं का कहना है कि हाल ही में उपजे ऐश्वर्या-राबड़ी विवाद से वे आहत हैं। नतीजा, वे राजनीतिक गतिविधियों से खुद को अलग रख रहे हैं। पिछले दिनों भी राजद के प्रमुख कार्यक्रम से वे गायब दिखे थे। निरंतर पार्टी कार्यक्रमों में तेजप्रताप की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बन जाती है।

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पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जब कभी तेजस्वी किसी बड़ी लीड में होते हैं, तेजप्रताप खुद को किनारा कर लेते हैं। हालांकि आज की बंदी जगदानन्द सिंह के नेतृत्व में थी। बावजूद यूथ लीड तेजस्वी के हाथ ही रहा।

पहले पूर्वे, अब जगदा बाबू नहीं दे रहे तवज्जो

आरंभ में तेजप्रताप रामचन्द्र पूर्वे के खिलाफ थे। जब जगदानन्द सिह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तो वे खुश थे कि रामचन्द्र पूर्वे हट गये। लेकिन, नियम-कायदे से चलने वाले जगदानन्द सिंह ने उनके कुछ खास लोगों की नोटिस नहीं ली न ही तेजस्वी को बैकफुट पर किया। तेजप्रताप के मिजाज के खिलाफ तेजस्वी और जगदानन्द सिंह की केमिस्ट्री पार्टी में अच्छी मानी जाने लगी। यही कारण है कि जब तेजस्वी ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ बिहार बंद का प्रस्ताव पार्टी में दिया तो जगदानन्द सिंह सहित शिवानन्द तिवारी ने उसे हाथोंहाथ लेते हुए आज की तिथि मुकर्रर कर दी। दोनों सीनियर लीडरों के साथ कदम ताल करते आज तेजस्वी दिखे भी।

पाटी के तेवर में कोई कमी नहीं : जगदानन्द

तेजप्रताप के निकट के लोगों का कहना है कि तेजप्रताप ने बराबर पार्टी में युवकों की भागीदारी की वकालत करते हुए अपने खास लोगों को पार्टी में तवज्जो देने की नीति बनाई। पर, उनकी इस चाल को समझते हुए सीनियर लीडर उनके लोगों को खारिज करते रहे। इससे तेजप्रताप में मायूसी भी है और पार्टी के सीनिर नेताओं के खिलाफ आक्रोश भी। यही कारण है कि प्रमुख कार्यक्रमों में वे पार्टी से अलग-थलग रहते हैं।

बहरहाल, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार लीड रोल में आए जगदा बाबू ने कहा कि पार्टी में अभी कई कार्यक्रम हैं। उन्होंने दावा किया कि एनआरसी और सीएए के खिलाफ पूरे प्रदेश में बंदी सफल रही। उन्होंने कहा कि पार्टी के तेवर में कोई कमी नहीं आयी है।

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