अलग बात है कि बीती रात पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की बहू व तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वार्या राबड़ी देवी के घर लौट गयीं। पर, राजनीतिक पतन की ओर अग्रसर लालू एण्ड फैमिली में सांसद मीसा भारती की हसरतें पूरी होते अभी भी नहीं दिख रहीं हैं। उनकी हसरतें मुख्यमंत्री बनने के लिए शुरू से ही हिलोंरें मारती रहीं हैं। लेकिन, लालू प्रसाद ने इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उनकी दिशा राज्य सभा की ओर मोड़ते हुए नेशनल पाॅलिटिक्स करने की अपनी इच्छा जतायी। हुआ भी वैसा ही।
लालू के पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, उनके घर में ही तीन लाॅबी बन गयी है। पहली तो मीसा भारती की। इसमें तेजप्रताप, राबड़ी देवी और परिवार के कुछ अन्य सदस्य हैं। यह अभी सबसे दबंग और मजबूत लाॅबी मानी जाती है। दूसरी लाॅबी तेजस्वी प्रसाद यादव की है। इसमें भावनात्मक रूप से लालू भी हैं और राबड़ी भी। मां-बाप हैं, इसीलिए। पर, मीसा इन सबों में चातुर्य रखते हुए परिवार में दरार इसलिए भी डाल दीं कि चन्द्रिका राय की राजनीतिक कौशल उनके घर में चल नहीं पाये। हुआ भी वही। परेशान हाल चन्द्रिका बाबू अब पंचायत का मुंह देखने लगे हैं।
यह विदित है कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के बेहतर संबंध लालू परिवार से रहे हैं। सो, बीती रात जब चन्द्रिका राय न्याय की गुहार लगाते उनके आवास पर पहुंचे तो उन्होंने बड़ी समझदारी से उन्हें समझाया कि वे पुलिस के यहां मामला नहीं ले जाएं। उन्होंने खुद बताया कि वे डीजीपी हैं। आम आदमी नहीं। उन्होंने समझाया कि घर का मामला है, घर में ही सुलटा लें। उन्होंने यह भी समझाया कि मामला संवेदनशील है। तेजप्रताप को समझाएं।
वैसे, ऐश्वर्या को भरोसा है-लालू प्रसाद पर। उन्हें उम्मीद है कि उनके आते ही मामला ठंठा हो सकता है। चन्द्रिका राय भी निकट भविष्य में रांची रिम्स जाने वाले हैं।