पटना : बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी अपनी ही सरकार के सचिव पर बहुत जोर से भड़क गए हैं। मामला लालू पुत्र और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बंगले के नवीनीकरण के नाम पर किए गए सरकारी पैसे के अनाप—शनाप खर्च करने से जुड़ा है। तेजस्वी यादव के पुराने सरकारी बंगले के नवीनीकरण पर ज्यादा खर्च नहीं करने के बिहार सरकार के बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव चंचल कुमार के दावे के बाद डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने फिर कहा कि तेजस्वी के कार्यकाल के दौरान बंगले पर अनावश्यक खर्च किए गए।
बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सचिव से पूछा कि आखिर किस नियम के तहत तेजस्वी यादव के बंगले में ब्रिज कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन की ओर से 59 लाख रुपये का फर्निचर लगवाया गया और बीसीडी की ओर से करोड़ों रुपये नवीनीकरण में खर्च किए गए। किस नियम के तहत तेजस्वी यादव को 44 एसी दिए गए।
लालू फैमिली पौने 4 करोड़ की काली कमाई पर चुप
इधर लालू प्रसाद यादव और उनके परिजन 3.7 करोड़ की संपत्ति के स्रोत के बारे में आयकर विभाग को कोई ठोस जवाब नहीं दे पाये कि इतनी संपत्ति उनके पास कहां से आई। नतीजतन विभाग ने इस संपत्ति को जब्त करने के आदेश पर मुहर लगा दी है। लालू परिवार इस संपत्ति पर कानूनी दस्तावेज पेश करने में नाकाम रहा जिसके बाद आयकर विभाग ने यह कदम उठाया। इतना ही नहीं, बिहार अवामी कोऑपरेटिव बैंक में उनके खाते में जमा रकम को भी जब्त करने का आदेश जारी किया गया है। इधर लालू पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी द्वारा अपने बंगले की साज—सज्जा पर अनावश्यक खर्च करने के मामले में राज्य सरकार द्वारा उन्हें क्लीनचिट दिये जाने को लेकर बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए विभागीय सचिव पर तल्ख टिप्पणी की है।
जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की प्रथम अपीलीय अथॉरिटी ने लालू यादव और उनके परिजनों की 3.7 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने के आदेश पर मुहर लगा दी है। लालू और उनके परिवार से जुड़ी जिन संपत्तियों को जब्त किया जाना है, उनमें पटना के जय प्रकाश नारायण इंटरनैशनल एयरपोर्ट के पास मौजूद एक दो मंजिला इमारत भी शामिल है। चारा घोटाले में आरोपी आरके राणा पहले इसके मालिक थे। 2002 में इसे कोलकाता की फेयर ग्रो होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने 76.3 लाख रुपये में खरीदा था।