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मोकामा उपचुनाव के बाद CM बनेंगे तेजस्वी! क्या बदलेगा राजनीतिक परिदृश्य ?

पटना : आने वाले कुछ दिनों में राज्य के अंदर दो सीटों पर उपचुनाव का ऐलान होने वाला है, जिसकी तारीख के घोषणा का इंतजार तो सभी राजनीतिक दल और उनके सुप्रीम नेता कर रहें हैं, लेकिन कहा ऐसा जा रहा है कि इस उपचुनाव का सबसे अधिक कोई इंतजार कर रहा है तो वो हैं बिहार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव।

क्या है अभी बिहार की दलीय स्थिति

दरअसल, पीछले दिनों यानी 10 अगस्त को बिहार में नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ महागठबंधन से हाथ मिलाकर आठवीं दफे बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव को दूसरी दफे डिप्टी सीएम की कुर्सी दी गई है। ऐसे में भाजपा अकेली विपक्षी दल हो गई है। ऐसे में यदि हम एक बार राज्य की दलीय संख्या बल को देखें तो राजद राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है। इसके पास वर्तमान में 79 विधायक है। जदयू के पास 45 है। वहीं, महागठबंधन में शामिल अन्य दलों की बात करें तो कांग्रेस के 19, माले-12,सीपीआई-2,सीपीएम-2 और एआईएमआईएम-1 विधायक हैं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा 4 और निर्दलीय एक विधायक हैं। वहीं विरोधी दल भाजपा के पास 76 विधायक है।

उपचुनाव की लड़ाई सबसे महत्वपूर्ण

अब इसी दलीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी दल आगामी दिनों में होने वाले उपचुनाव पर विशेष नजर बनाई हुए है। क्योंकि यह चुनाव जीतना सबके लिए बहुत ही बड़ी बात होगी जहां भाजपाई नेता यह बताना चाहेंगे की भले नीतीश कुमार ने पलटी मार कर एक बार फिर से बिहार में सरकार बनाई हो लेकिन जनता अभी भी भाजपा पर भरोसा करती है तो वही जदयू और महागठबंधन भी यह चाहेगी कि इन दोनों सीटों पर विजय प्राप्त कर विरोधी दलों को यह संदेश दिया जाए कि लोग अब नई सरकार पर भरोसा जताने लगे हैं। लेकिन इन सबके बीच एक नेता के लिए यह लड़ाई सबसे महत्वपूर्ण होने वाली है क्योंकि वह नेता बिहार के सत्ता की कुर्सी पर मुख्यमंत्री के रूप में बैठने से महज दो कदम दूर है।

मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश कर सकते हैं

दरअसल हम बात कर रहे हैं राजद नेता तेजस्वी यादव की, वर्तमान में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राज्य के मुख्यमंत्री बनने से महज दो विधायक दूर है यदि वह आगामी उपचुनाव में दोनों सीटों पर कब्जा कर लेते हैं तो फिर वह एक बार मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश कर सकते हैं। अब सवाल यह है कि आखिर तेजस्वी मुख्यमंत्री कैसे बनेंगे और उसका गणित क्या होगा ?

इस सवाल का जवाब यह है कि आगामी दिनों में होने वाला मोकामा और गोपालगंज सीटों पर राजद अपना प्रत्याशी उतारती है और जीत हासिल करती है तो राजद के पास कुल विधायकों की संख्या 81 हो जाएगी, साथ ही उसको महागठबंधन में शामिल अन्य दल कांग्रेस के 19, माले-12,सीपीआई-2,सीपीएम-2 और एआईएमआईएम-1 विधायक समर्थन मिलता है तो महागठबंधन के पास संख्या बल 117 हो जाएगी। ऐसे में 243 सदस्य वाले बिहार विधानसभा में फेसबुक को बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों का समर्थन लाना होगा और वह बहुमत से मात्र 5 विधायक दूर होंगे, लेकिन वह जीतन राम मांझी को किसी तरह अपने पाले में लाते हैं तो फिर उनके पास मात्र एक विधायक की कमी रहेगी और निर्दलीय एक विधायक को मिलाकर तेजस्वी बहुमत को हासिल कर लेंगे यानी उनको सरकार बनाने के लिए ना तो भाजपा के समर्थन की जरूरत होगी ना ही जदयू का।