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तेजस्वी की स्वीकार्यता से लेकर भूमिहार-ब्राह्मण पर RJD- काल्पनिक खौफ और स्वप्नवादी जुमले के झांसे में कोई नहीं आने वाला

पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की सर्व स्वीकार्यता और भाजपा के सिमटते जनाधार से भाजपा नेताओं की बेचैनी काफी बढ गई है। एक साजिश के तहत झूठ और दुष्प्रचार के माध्यम से राजद के खिलाफ माहौल बनाकर भाजपा और जदयू द्वारा सत्ता हासिल किया गया। बेरोजगारी, महँगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और कानून व्यवस्था जैसे आम लोगों के मौलिक समस्यायों को नजरअंदाज करते हुए केवल नकारात्मक राजनीति के बल पर पिछ्ले सत्रह वर्षों से भाजपा की एनडीए बिहार के सत्ता पर काबिज है। उक्त बातें राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कही।

उन्होंने आगे कहा कि परिस्थितियाँ बदल गई है। आज का नौजवान इनके नकारात्मक राजनीति को समझ रहा है। इनके द्वारा परोसे जा रहे काल्पनिक खौफ और स्वप्नवादी जुमले की असलियत के झांसे में वह आने वाला नहीं है। बिहार का नौजवान बेरोजगारी, महँगाई सहित जनसारोकार के अन्य मुद्दों पर मुखर आवाज उठाने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव में हीं बिहार का भविष्य देख रहा है। इसका आभास तो 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में ही एनडीए को हो गया था। बोचहाँ उपचुनाव और विधान परिषद के चुनाव में तेजस्वी यादव की सर्व स्वीकार्यता पर लगी मुहर से भाजपा नेताओं की तिलमिलाहट काफी बढ गई है।

राजद नेताओं ने कहा कि राजद ए टू जेड की पार्टी है। हम सभी को जोड़कर चलने में विश्वास रखते हैं, किसी को छोड़कर चलने में नहीं। जबकि भाजपा की राजनीति ही धर्म और जाति के नाम पर घृणा और नफरत की बुनियाद पर टिकी हुई है। बेरोजगारी, महंगाई जैसे आमलोगों के बुनियादी सवालों में इनकी कोई अभिरूचि नहीं रहती।

राजद नेताओं ने कहा कि झूठ बोलना और फर्जी आंकड़े पेश कर लोगों को गुमराह करना तो भाजपा नेताओं का चरित्र और राजनीतिक पूँजी रहा है। कल भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा ब्राह्मण और भूमिहार जाति के संदर्भ में कुछ आंकड़े पेश कर भाजपा को उस ब्राह्मण और भूमिहार का हितैषी बताया गया, जिसके वोट पर उनका अस्तित्व टीका हुआ है। जिस राजद पर उन्होेंने ब्राह्मण को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है, उस राजद के शासनकाल में ब्राह्मण जाति के सर्वश्री रघुनाथ झा शिवानन्द तिवारी, रामविलास मिश्र, शिवनन्दन झा, रूप नारायण झा, गिरीवर पाण्डेय, कृष्ण कुमार मिश्र यानी सात ब्राह्मणों को बिहार सरकार में मंत्री बनाया गया।

राजद कोटे से रघुनाथ झा को केन्द्र में भी मंत्री बनाया गया। राधानन्दन झा को बिहार राज्य नागरिक परिषद का उपाध्यक्ष बना कर कैबिनेट मंत्री के समकक्ष सुविधा दी गई। सरोज दूबे और मनोज झा को राज्यसभा का सदस्य के साथ ही राजमंगल मिश्र को विधान परिषद का सदस्य बनाया गया। यह केवल ब्राह्मणों की सूची है यदि इसमे भूमिहार को भी जोड़ दिया जाए तो सूची काफी लम्बी हो जाएगी।

राजद नेताओं ने कहा कि यह सच्चाई है कि भाजपा के दुष्प्रचार के प्रभाव मे आकर ब्राह्मण का अधिकांश वोट अबतक भाजपा गठबंधन को मिलता रहा है पर भाजपा ने कितने ब्राह्मणों को केन्द्र में और राज्य में मंत्री बनाया है? कितने को राज्यसभा में भेजा है? ताराकांत झा और जगबंधु अधिकारी से लेकर ब्राह्मणों की लम्बी सूची है, जिन्हें भाजपा में अपमानित होना पड़ा। यही स्थिति भूमिहारों की भी है। अभी पिछले दिनों की बात है जब भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा जैसे शालीन और उच्च योग्यताधारी व्यक्ति को सरेआम अपमानित किया गया और सुशील मोदी जैसे लोग चुप्पी साधे रहे।

भाजपा नेता किसी झूठ को बार-बार बोलकर उस पर सत्य का आवरण चढाने की कला में पारंगत होते हैं। इसी कला का इस्तेमाल करते हुए उनके द्वारा झूठा प्रचार किया गया कि लालू यादव ने ” भूरा बाल साफ करो ” का नारा दिया था। मेरा चुनौती है कि वे लालू यादव के तथाकथित कथ्य का वीडियो क्लिप या अखबार का कतरण दिखावें। भाजपा के नेता तो ब्राह्मण और भूमिहार को हिन्दु भी नहीं मानते, अभी पिछले दिनों भाजपा के एक मंत्री ने तो यहाँ तक कह दिया कि उसे ब्राह्मण और भूमिहार का वोट नही चाहिए वह केवल हिन्दुओं से वोट माँगता है।