राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में शिक्षकों को निभानी होगी अहम भूमिका

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मुंगेर : मुंगेर विश्वविद्यालय में नीति आयोग भारत सरकार एवं भारतीय शिक्षण मंडल दक्षिण प्रांत बिहार के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका विषय पर एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया। इस दौरान मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रणजीत कुमार वर्मा के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि “अत्यन्त अल्प समय में कई राष्ट्रीय संगोष्ठियों और वेबिनारों से मुंगेर वि वि ने राष्ट्रीय पटल पर अपनी अलग पहचान बनाई है।” आगे उन्होंने कहा कि “केन्द्रीकृत एडमिशन और कंप्युटरीकृत कैशलेस एडमिशन से मुंगेर विवि में पारदर्शिता बढ़ी है और क्रान्तिकारी बदलाव आए हैं।

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मुंगेर विश्वविद्यालय की सक्रियता की प्रशंसा

वहीँ बीज वक्तव्य के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि प्रत्येक विषय के शिक्षकों को अपने अपने स्तर पर शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का प्रयास करना चाहिए एवं राष्ट्र के हित में जो भी उचित हो उसे अपनाना चाहिए। कोठरी ने मुंगेर विश्वविद्यालय की सक्रियता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में शिक्षकों की अहम भूमिका निभानी होगी। अलग अलग विषयों के शिक्षक क्या क्या बदलाव ला सकते हैं इस पर चिन्तन करना होगा।

इस वेबीनार में अध्यक्ष के रूप में मगध विश्वविद्यालय बोधगया के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद उपस्थित थे उन्होंने शिक्षकों को ही शिक्षा नीति का मुख्य आधार बताया। उन्होंने कहा कि उनका मानना है शिक्षक ही वास्तव में शिक्षा के वास्तविक उद्देश्यों को प्राप्त कराने में सफल हो सकते हैं।

वहीँ इसके साथ ही वेबीनार के द्वितीय सत्र का संचालन करते हुए भावेश चंद्र पांडे ने शिक्षकों को चुनाव जनगणना एवं अन्य कार्यों में कार्यों में सम्मिलित करने से शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने पर चिंता जाहिर की। वहीँ प्रोफेसर विद्या कुमार चौधरी ने शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं को लेकर सक्रियता से जागरूक रहने संबंधी बातों पर बल दिया।

इस संगोष्ठी में एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात यह रही कि सभी प्राध्यापकों को आपस में परिचर्चा का अवसर मिला एवं एक फीडबैक फॉर्म के माध्यम से अपने समस्याएं एवं उसके लिए अपेक्षित समाधान नीति आयोग तक प्रेषित करने का एक अवसर मिला । इस प्रकार मुंगेर विश्वविद्यालय में एक और राष्ट्रीय वेबीनार सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

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