टैक्स बढ़ाने की दहशत फैलाने में कांग्रेस नेता अमिता भूषण के पति समेत तीन आईआरएस निलंबित
कोरोना संकट के दौरान अचानक कर वृद्धि की झूठी खबर फैलाने के आरोप में भारत सरकार ने राजस्व सेवा के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इसमें कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रदेश महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष व बेगूसराय विधायक अमिता भूषण के पति भी शामिल है। निलंबन के बाद इन तीनों अधिकारियों के विरूद्ध जांच भी शुरू हो गयी है। जांच के बाद इन तीनों पर बड़ी कार्रवाई संभव हैं।
जिन तीन आईआरएस अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है। उनमें प्रशांत भूषण, भारतीय राजस्व सेवा संघ के महासचिव प्रकाश दुबे और आईआरएस एसोसिएशन के संयुक्त सचिव सजंय बहादुर शामिल है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन अधिकारियों पर अपने अधिनस्थ अधिकारियों को गुमराह करने, कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच राजस्व बढ़ाने के लिए अनधिकृत रिपोर्ट में टैक्स बढ़ोतरी का प्रस्ताव पैदा कर भय का माहौल बनाने के उद्देश्य से इस रिपोर्ट को जनता के बीच वायरल करने का आरोप लगा है।
बिना किसी आधार के राजस्व बढ़ाने के लिए ‘अनधिकृत’ रिपोर्ट में कर वृद्धि का प्रस्ताव लाकर भय व उतेजना पैदा की। वायरल रिपोर्ट के अनुसार इन सभी अधिकारीयों का कहना था कि जिनकी आमदनी 1 करोड़ से अधिक है उनपर 40 फीसदी टैक्स लगाया जाए। इस खबर को व्यापार जगत में फैलने के बाद अफरातफरी का माहौल बन गया। वहीं कोविड-19 नाम से राहत उपकर लगाने की बात कही गयी है। निलंबित अधिकारियों में प्रशांत भूषण 1988 बैच के आईआरएस अधिकारी है जो बिहार के मूल निवासी है। उनकी पत्नी बिहार प्रदेश कांग्रेस विंग की अध्यक्ष हैं।