सारण : छपरा सदर प्रखंड के दियारा इलाकों मे गंगा के जलस्तर मे लगातार वृद्धि के कारण बाढ पीड़ितों की समस्याएं विकराल होती जा रही हैं। मुसेपुर, डुमरी पंचायतों की भी हालत काफी खराब है। जबकि भैरोपुर निजामत का कुछ हिस्सा पानी में डूब गया है। हालात मे फिलहाल कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा।
पंचायतें जलमग्न, मवेशियों को बचाने की चुनौती
गड़खा प्रखंड के मौजमपुर, नरांव व कोठियां पंचायत के नये इलाकों में भी पानी तेजी से फैल रहा है। जिन इलाकों में पहले से पानी फैला हुआ था, वहां जलस्तर लगातार ऊंचा हो रहा है। इसे लेकर बाढ पीड़ित परिवार दहशत में हैं। समूचा दियारा क्षेत्र टापू में तब्दील होकर रह गया है। लोगों के घरो में पानी प्रवेश करना शुरू हो चुका है। लोग पक्के मकानों की छत पर शरण लिए हुए हैं। जिसके आसपास चारों तरफ पानी ही पानी का मंजर दिखाई पड़ रहा है। वहीं, सड़कों पर तीन से चार फीट ऊपर पानी का बहाव जारी है। प्रवाह इतना तेज है कि कोटवापट्टी रामपुर पंचायत के चकिया गांव निवासी विजय राय, हरेश राय, महेन्द्र राय तथा अजय राय के पक्के घर ध्वस्त हो गए ।
आज शाम तक जलस्तर में वृद्धि जारी, हालात चिंताजनक
बाढ पीड़ितों के मुताबिक सोमवार की शाम तक जलस्तर में लगभग एक फीट की और बढोतरी हुई है। इससे कई नए इलाकों में पानी भर गया है। लोगों के सामने बाढ संकट से खुद जूझते हुए अपने मवेशियो को बचाने की चुनौती आ खड़ी हुई है। ईंधन के लिए जमा लकड़ी व गोबर के उपले सब पानी मे बह गए। कुछ बचा था जिससे काम चल रहा था अब वह भी समाप्त होने की कगार पर है। वहीं मवेशियों के लिए रखा भूसा भी पानी में बह गया है। हालात खतरनाक हो गए हैं।