पटना : दुनिया के सबसे बड़ा टॉक कॉन्फ्रेंस टेडेक्स टॉक आज रविवार को पटना में आयोजित किया गया। इसमें द अनेक्सप्लोरेड थीम पर कुल सात स्पिकर्स शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के सभागार में आयोजित हुआ। इसमें शिक्षा में नवाचारों से लेकर प्रौद्योगिकी और कला के विषयों पर सार्थक बातें हुईं। वक्ताओं और कलाकारों के विविध समूह के संयोजन से युवाओं को नया सीखने को मिलेगा। इनकी कहानियां लोगों को प्रेरित करती रहेगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बिहार राज्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है।
DIY क्रिएटर पवन जुगाड़ को बनाया इनोवेशन
यूट्यूब पर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े DIY (do it yourself) आर्ट-क्राफ्ट के संस्थापक DIY क्रिएटर और यूट्यूबर पवन ने कहा कि संसाधनों की कमी और ज्यादे जनसंख्या की वजह से आज जरूरत है चीजों के सही उपयोग की। दुनिया भले ही इसे जुगाड़ कहे लेकिन ये वास्तव में हमारा इनोवेशन है। बुरे हालातों से ना ही घबराना है और ना ही दुनिया की वजह से हतोत्साहित होना है। अपने टैलेंट पर भरोसा करना है और आगे बढ़ते जाना है।
बिज़नस के बरमुडा ट्रायंगल से कैसे निकले बाहर
मार्केटिंग और रिसर्च के प्रोफेसर पीयूष सिन्हा ने कहा कि बिजनेस में सफलता पाने के लिए सही रिसर्च की आवश्यकता है। बाजार की समझ अच्छी हो इसके लिए पूरी इंडस्ट्री की सही पड़ताल करनी चाहिए जिससे कि मेहनत सही दिशा में हो और आशा के अनुरूप सफलता मिले। व्यापार ऐसा हो जिसमें लाभ कमाना पहली प्राथमिकता ना हो बल्कि ग्राहकों का विश्वास और आशीर्वाद प्राप्त हो, यह भावना रहे।
प्रतिभा जन्मजात नहीं, संघर्षो का परिणाम
हिंदी के प्रसिद्ध लेखक नीलोत्पल मृणाल ने कहा कि सबसे बेहतर मोटिवेटर वही हो सकता है जो आपके जैसा हो। हर व्यक्ति की अपनी विशेष क्षमता होती है, आपको उसकी खोज करनी चाहिए। मैं किस काम में दक्ष हूँ इसको खोजना ही जीवन की यात्रा होनी चाहिए। प्रतिभा जन्मजात गुण नहीं बल्कि जीवन के संघर्षों का परिणाम है। ख्वाब देखिए क्योंकि वही ख्वाब आपको जिंदगी में बेहतर करने के लिए प्रेरित करेंगे।
कैसे निपटे पर्यावरण की समस्या से
वसुधैव राइड और पुनर्जन्म यात्री और उत्थान कलाकार के सह-संस्थापक कुमार प्रशांत ने भी अपने जीवन अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि जो आज पर्यावरण की बड़ी समस्या है वो हम सब के छोटे-छोटे लापरवाही का ही वीभत्स परिणाम है और यदि इससे निपटना है तो दुबारा से व्यक्तिगत स्तर पर सार्थक प्रयास किए जाए। वसुधैव कुटुम्बकम के विराट आदर्श को साकार करने के लिए वो अपने साथियों के साथ वैश्विक स्तर पर हरसम्भव प्रयास कर रहे हैं।
मेहनत से मिलेगी सफ़लता
वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने कहा कि आप भले कितनी ही ऊँचाई पर हों, आपकी उम्र भले ही कितनी हो, जीवन में नया सीखने की संभावना हमेशा होती है और यह भी हो सकता है कि वो नई चीजें आपके जिंदगी को एक नया मोड़ दें। लगातार अभ्यास करना आवश्यक है, यह आपकी प्रतिभा को और निखारता है। सफलता प्राप्त करने का इकलौता साधन मेहनत है और इसका कोई शॉर्ट कट नहीं है। हार्ड वर्क स्मार्ट वर्क की बातें बेमानी हैं, हार्ड वर्क का कोई विकल्प ही नहीं है। अपनी इच्छाशक्ति को बढ़ाइए, आप कुछ भी पा सकते हैं। कमजोरी की लिस्ट बनाइए और उसपर विशेष काम कीजिए।
मैथली ने कैसे बनाया अलग पहचान
एक संगीतज्ञ मैथिली ठाकुर ने संगीत के क्षेत्र में अस्पष्टीकृत का पता लगाने का फैसला किया। वह गिटार और अन्य व्यापक रूप से लोकप्रिय उपकरणों के बजाय टेबल और हारमोनियम ले गई। उसका बेरोज़गार रास्ता तबला बजा रहा था। वह अब यूट्यूब पर एक सनसनी बन गई है। यह संदेश था कि भले ही हम गैर-पारंपरिक ट्रैक्स के लिए जाएं, हम बहुत आगे तक जा सकते हैं।
टीवीएफ की क्या है कहानी
टीवीएफ के संस्थापक अरुणाभ कुमार, जो वेब-सीरीज़ के अग्रणी हैं, ने सोशल मीडिया का रास्ता अपनाया और मीडिया पर बहुत अधिक विचारशील सामग्री लाया। उन्होंने बताया कि लोग कोई काम करने से पहले सही रिसर्च नहीं करते है इसीलिए उन्हें सफ़लता नहीं मिलती है।
आज सभी क्षेत्र में अनगिनत संभावना है, पेंटिंग, इलस्ट्रेशन, मेकप व अन्य क्षेत्र में कई संभावना है जो अच्छी कमाई करा सकती है। पर ज्यादातर लोग मात्र डॉक्टर, इंजिनियर, वकील व अन्य गिने चुने रोजगार को ही लोग जानते है पर अभी रोजगार की संभावना कई क्षेत्र में है।
कार्यक्रम का आयोजन श्री आलोक कुमार और उनकी टीम द्वारा किया गया था। आरजे अंजलि और शशांक कुमार, जो पिछले साल टेडएक्स वक्ता थे, ने सत्र की शुरुआत की, जिसमें कुछ सवालों के जवाब दिए। उसके बाद, अन्वेषा जो ने स्टेज का संचालन किया। श्रेया, सोनी और अन्वेषा इवेंट के क्यूरेटर थे। मोहित, जूही, अशहर और विमन्यु सोशल मीडिया टीम को संभाल रहे थे। टीम के अन्य सदस्यों में राघव, अमृत राज, आशू, अभिजीत, अमित, सिद्धार्थ, शिवम, आयुष, हर्षिता , शाम्भवी और रवि रंजन थे।