तबलीगी मरकज में बिहार के 86 लोग, ट्रेस हुए 37, बाकी 39 गायब
पटना : दिल्ली के निजामुद्दीन में कोरोनावायरस का केंद्र बने इस्लामी तबलीगी मरकज में बिहार के 86 लोग शामिल हुए थे। इनमें से 37 लोगों का पता चल गया है। इनमें 17 पटना, 13 बक्सर और 7 कटिहार और 10 लोग अररिया से हैं। बाकी 39 लोगों की तलाश की जा रही है। ट्रेस हो चुके लोगों का सैंपल लिया गया है और उन्हें क्वारंटाइन किया गया है।अररिया के 10 लोगों के अलावा सूचना मिली है कि दिल्ली के तबलीगी मरकज में शामिल होने वाले कई लोग किशनगंज और मधुबनी भी पहुंचे हैं। जानकारी के अनुसार अररिया पहुंचने वालों में सभी मलेशिया से आये विदेशी हैं। इनमें से एक व्यक्ति की मौत गुरुवार को हो गई थी।
तबलीगी मामले में पटना में हुई बड़ी प्रशासनिक चूक
इसबीच तब्लीगी जमात के मरकज में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आने के बाद बिहार में इन्हें लेकर एक प्रशासनिक चूक सामने आई है। 23 मार्च 2020 को दीघा के एक मस्जिद में छिपे 12 विदेशी बरामद किए गए थे। स्थानीय लोगों के हंगामे के बाद पुलिस आई और किर्गिस्तान के सभी लोगों को एम्स ले गई। यहां इनकी कोरोना स्क्रीनिंग हुई। फिर इन्हें क्वारंटाइन किया गया लेकिन सैंपल नहीं लिये गए। तब्लीगी जमात में संक्रमण का मामला उजागर होने के बाद अब जाकर इनका सैंपल लिया गया है। यदि इनमें कोई पॉजिटिव मिलता है तो यह बहुत बड़ी देर मानी जाएगी क्योंकि ये अबतक बिहार में कई लोगों को कोरोना बांट चुके होंगे।
पटना के 50 बड़े होटलों में बनेगा क्वारंटाइन सेंटर
उधर सरकार ने पटना के 50 बड़े होटलों के 1800 कमरों में क्वारैंटाइन सेंटर बनाने की घोषणा की है। होटल मौर्या, चाणक्य, पनाश, लेमन ट्री सहित 50 से ज्यादा होटलों के मालिकों ने जिला प्रशासन को क्वारंटाइन सेंटर बनाने की सहमति दी है। दरअसल, यह तैयारी कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसफर से निपटने के तहत है। सरकारी भवनों, सरकारी स्कूलों, सरकारी गेस्ट हाउस, होटल सहित अन्य जगहों को भी क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए चिह्नित किया गया है।