स्वामी हरिनारायणानंद की श्रद्धांजलि सभा में बोले स्वामी केशवानंद, लोकोपयोगी कार्य करने वाले को ही यश प्राप्ति
साधु बन महंत नहीं
पटना : बिहार संस्कृतिक विद्यापीठ के कुलपति और भारत साधु समाज के महामंत्री रहे धर्माचार्य स्वामी हरिनारायणानंद जी के देहावसान के बाद विद्यापीठ परिसर में गुरुवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बिहार संस्कृतिक विद्यापीठ के कार्यकारी कुलपति स्वामी केशवानंद ने ‘कृते यशः सजीवते’ का उद्धरण करते हुए कहा कि जो लोकोपयोगी कर्म कर जाता है, उसी को लोग अपने स्मृति में रखते हैं। हमारे यहां गौतम बुध और शंकराचार्य ने भी यही कहा है। स्वामी जी के साथ बिताए अपने जीवन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 1958 से ही उन्हें स्वामी जी का सानिध्य मिला अंतिम दिनों में स्वामी जी की आंखों में आंसू थे। वैसे सदैव कहते थे कि तू साधु बन महंत नहीं।
उन्होंने कहा कि स्वामी हरिनारायण नंदिनी 1971 से जो भी पत्र रजिस्ट्री उन्हें भेजे वह सब थाती के रूप में उनके पास सुरक्षित है। स्वामी केशवानंद ने कहा कि संन्यासी की चेतना जीवंत रहती है, ऐसे ही स्वामी हरिनारायणानंद जी की चेतना हमारे बीच जीवंत रहकर हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।
जो साधना करता है वही साधु बनता है
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्वामी जी को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि जो साधना करता है वही साधु बनता है और स्वामी हरि नारायणानंद जी ने होश संभालने के साथ ही साधु के गुण धारण कर लिए थे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी भारत सेवक समाज के अध्यक्ष भी थे। यह अत्यंत ही पुरानी संस्था है और स्वामी जी ने जीवन पर्यंत ऐसी कई संस्थाओं का मार्गदर्शन किया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि समाज आगे बढ़ रहा है लेकिन सामाजिकता कम होती जा रही है, वैसे ही आदमी आगे बढ़ रहा है लेकिन आदमियत कम होती जा रही है ऐसे में अब अकबर यह जरूरी है कि इन चीजों की गुणवत्ता अक्षुण्ण रखने के लिए स्वामी जी सदैव प्रयास करते रहे। जब तक वह रूप में हमारे बीच रहे वह हमें रोशनी देते रहे और समाज आगे बढ़ता रहा।
क्षमतानुसार स्वामी जी के स्थापित मूल्यों को बढ़ाएंगे आगे
बिहार सरकार में मंत्री जीवेश कुमार ने कहा कि स्वामी जी हम जैसे करोड़ों लोगों की सुमति जगा कर हमें संस्कारित और संपोषित किया और आज इस अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि स्वामी जी ने जो मूल्य स्थापित किए हम अपनी क्षमता अनुसार उसे आगे बढ़ाएं।
उपचार के दौरान चिकित्सा विज्ञान और समाज की कई बातें सीखीं
प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ रवि भूषण शर्मा ने स्वामी हरिनारायण आनंद जी के उपचार संबंधी बातों का स्मरण करते हुए बताया कि विगत 12 वर्षों से स्वामी जी उनके मरीज रहे हैं और पिछले चार वर्षों से जब वे अस्पताल की शैय्या पर पड़ गए, उनके उपचार के दौरान मैंने चिकित्सा विज्ञान और समाज की कई बातें सीखीं।
श्रद्धांजलि सभा को बिहार सरकार के मंत्री सुमित कुमार सिंह, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष और प्रख्यात चिकित्सक डॉ आरएन सिंह, पूर्व सांसद अरुण कुमार, डॉ. सीपी ठाकुर आदि ने भी संबोधित किया।