बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग के कारण जारी राजनीतिक उठापटक को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक निजी चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार एनडीए का चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे, तथा सीट बंटवारें को लेकर बात बाद में होगी।
ज्ञात हो कि सीट शेयरिंग के बढ़ते विवाद को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री भाजपा के कद्दावर नेता सुशील मोदी ने कहा था कि 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।
लेकिन, जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाले कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरूद्ध बयानबाजी कर विरोधी गठबंधन को फायदा पहुँचाने में लगे हैं। एक लाभकारी धंधे में लगा व्यक्ति पहले अपनी सेवाओं के लिए बाज़ार तैयार करने में लगता है, देशहित की चिंता बाद है।
बाद आगे बढी और सुमो के बयान पर पलटवार करते हुए पीके ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय की है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश उपमुख्यमंत्री बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।
लेकिन, जब यही बात सुशील मोदी कहते हैं तो प्रशांत किशोर आग बबूला हो जाते हैं। लेकिन, अमित शाह कहते हैं तो जदयू के तमाम नेता प्रशांत किशोर सहित सभी चुप हो जाते हैं।
मालूम हो कि झारखण्ड चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे। लेकिन, उस समय तक यह बात कही जा रही थी कि बिहार में जदयू और भाजपा बराबर सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेगी। लेकिन, झारखण्ड में भाजपा के हाथ से सत्ता जाते ही जदयू ने यह कह दिया कि बिहार में सीटों का बंटवारा 1 :1.4 के अनुपात पर होगी। अब देखना यह है कि अमित शाह के बयान के बाद जदयू के तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है।