सूबे में बंद आयुर्वेदिक कॉलेजों को जल्द खोलने की राज्यपाल ने दी सलाह

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पटना : आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। आयुर्वेद से जुड़े कॉलेजों की संख्या बढ़नी चाहिए तथा सूबे में बंद चारों आयुर्वेदिक कॉलेजों को जल्द से जल्द खोला जाए जिससे विधार्थियों को अच्छी शिक्षा मिल सके। उक्त बातें आज राज्यपाल लालजी टंडन ने श्री श्याम सेवा ट्रस्ट, समिति बाजार में विश्व आयुर्वेद परिषद बिहार के द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम में उपस्थित रहे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अभी सूबे में 5 आयुर्वेदिक कॉलेजों में सिर्फ एक ही कॉलेज चल रहा है। उन्होंने कहा कि बेगूसराय, दरभंगा, भागलपुर और बक्सर में बंद पड़े सभी 4 कॉलेजों को जल्द से जल्द खोला जाएगा। इसके लिए आयुष मंत्रालय के साथ कॉलेजों को चालू करने के लिए बैठकें की गईं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बेगूसराय आयुर्वेदिक कॉलेज में जल्द ही पढ़ाई और दवाई दोनों की व्यवस्था एकसाथ करायी जाएगी।
उन्होंने कहा कि जो पहले आयुष चिकित्सकों को 22500 रुपए दिए जाते थे। अब 2 महीने के अंदर उन्हें 44000 रुपये दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम का विषय था, चर्म रोग का इलाज आयुर्वेदिक दवाइयों से हो।

(राजन कुमार)

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