अरवल : राष्ट्रीय समता पार्टी सेकुलर सहित 7 दलों का राष्ट्रीय समाजवादी मोर्चा 28 अक्टूबर को पटना में किसान मजदूर महापंचायत लगाएगा। उक्त आशय की जानकारी स्थानीय सांसद डॉ अरुण कुमार सिंह ने अरवल परिसदन में एक संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निकम्मेपन के कारण मजदूरों का पलायन हो रहा है। सूबे में जो पहले से चीनी मिल, कपड़ा मिल व अन्य कई उद्योग जो संचालित थे वे अब बंद हो गए हैं। मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है जिससे वे पलायन कर रहे हैं। उन्होंने गुजरात की घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेवार बताया और कहा कि अगर बिहार में ही उन्हें काम मिलता तो वे बाहर नहीं जाते। आज किसान शोषण का शिकार हो रहा है। कई योजनाएं बनी लेकिन उनसे किसानों को कोई फायदा नहीं पहुंचा। यहां तक कि पैक्स के माध्यम से किसानों का पैसा सरकार अपने पास रखकर सूद कमा रही है। किसान पैसे के अभाव में कर्ज में डूब रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीडीएस की व्यवस्था शोषण का शिकार है। सरकारी मुलाजिम और बिचौलियों द्वारा पीडीएस दुकानों से राशि की वसूली हो रही है। जो पीडीएस दुकानदार लूट में शामिल नहीं हो रहा, उस पर आरोप लगाकर अनुज्ञप्ति को रद्द कर दिया जा रहा है। बाद में राशि वसूलने के बाद उसे हरिश्चंद्र प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। आज सूबे में गांधी जी के विचारों की हत्या हो रही है। गांधीजी का सपना था, पंचायत को मजबूत स्थिति में देखना। इसके लिए उन्होंने पंचायत को लोकतंत्र के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में स्थापित किया था। ताकि पंचायत का प्रतिनिधि भी विधायक से लेकर प्रधानमंत्री के पद तक पहुंच सके। लेकिन सरकारी मुलाजिमों ने पंचायत प्रतिनिधियों पर किसी न किसी प्रकार का दबाव बनाकर पंचायत में ही लोकतंत्र को दफन कर रहे हैं। कुछ लड़ाकू मुखिया को सरकारी मुलाजिम किसी न किसी मामले में फंसा कर जेल भेजने का काम कर रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से जिला परिषद अध्यक्ष एवं प्रखंड प्रमुख का चुनाव सीधे कराने की मांग करते हुए कहा कि लोकतंत्र कमजोर होने पर अराजकता होती है। आज सरकार जितनी शक्ति शराबबंदी पर लगाई है, उससे राज्य में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हुई है क्योंकि पुलिस अब विधि व्यवस्था को छोड़कर केवल शराब में जुट गई। उन्होंने कहा कि कल ही मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान कहा की सूबे की जनता पुलिस के भरोसे नहीं बल्कि भगवान के भरोसे सुरक्षित है। यानी मुख्यमंत्री हेल्पलेस हो गए हैं। इस मौके पर सुदामा पासवान, दिलीप मुखिया, सुधीर कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
(कृष्ण बल्लभ नारायण सिंह)