पटना : जातीय जनगणना के मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर विभिन्न राज्यों में उनके ही सहयोगी दल के नेता उन पर दबाव बनाने लगे हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ा ऐलान किया है। नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में राज्य सरकार के खर्च पर जातीय जनगणना कराएगा।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल पीएम मोदी से पत्र लिख कर जातीय जनगणना की मांग उठाई थी। साथ ही इस मामले में मुलाकात करने का समय भी मांगा है।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का वक्त मिलने के बाद ही आगे बात बढ़ेगी। हालांकि जेडीयू के अंदर नीतीश कुमार का स्टैंड बिल्कुल साफ है। नीतीश कुमार अपनी पार्टी के नेताओं को यह कह चुके हैं कि अगर केंद्र सरकार जातीय जनगणना के लिए तैयार नहीं होती है तब भी राज्य सरकार इसे कराएगी।
दरअसल, जदयू नेता सुनील पिंटू ने कहा है कि नीतीश कुमार पार्टी के नेताओं को स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि हम केंद्र सरकार से जातीय जनगणना कराए जाने की मांग रखेंगे। अगर केंद्र सरकार मान जाती है या कोई संशोधन लाकर राज्य सरकारों को जातीय जनगणना कराने का अधिकार दे देती है तो इसका स्वागत होगा। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तब भी राज्य सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराएगी। नीतीश कुमार अपनी पार्टी के नेताओं को दिल्ली में पिछले दिनों कह चुके हैं कि जातीय जनगणना बिहार में हर सूरत में होगी।
बहरहाल, देखना यह है कि पीएम मोदी अगर नीतीश को मुलाकात के लिए समय देते हैं या बात करते हैं तो जातीय जनगणना पर फंसा पेंच सुलझ सकता है या नहीं।